अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण के जिलाधिकारी (डीएम) अमन समीर ने 16 सितंबर को डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण के लिए जिला समाहरणालय छपरा में की जा रही कार्रवाई की समीक्षा की।
समीक्षा के क्रम में डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा प्रावधानों के अनुरूप सभी तरह की निरोधात्मक तथा सतर्कतामूलक कार्रवाई की जा रही है। सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र डेंगू पर नियंत्रण हेतु तत्पर है।
डीएम समीर ने समाहरणालय सभा कक्ष में डेंगू पर नियंत्रण के लिए समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए निर्देश दिया कि सभी संबंधित पदाधिकारी अलर्ट रहें तथा डेंगू पर नियंत्रण के लिए हरसंभव कदम उठाएं।
डेंगू के हॉट स्पॉट में विशेष नजर रखते हुए त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। आने वाले त्योहारों के दौरान काफी बड़ी संख्या में यात्रियों के बिहार आने की संभावना है। अतः सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, सिविल सर्जन, नगर कार्यपालक पदाधिकारियों तथा अन्य सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों को अपेक्षित सतर्कता बरतने की जरूरत है।
एडिज मच्छर पर नियंत्रण के लिए हर तरह की निरोधात्मक कार्रवाई करें। वृहत स्तर पर फॉगिंग तथा एन्टी-लार्वा रसायन (टेमीफॉस) का छिड़काव करें। स्वास्थ्य प्रशिक्षकों द्वारा नगर निकायों में फॉगिंग का निरंतर पर्यवेक्षण सुनिश्चित कराएं।
डीएम ने कहा कि डेंगू को नियंत्रित करने के लिए संदिग्ध मरीजों की निगरानी रखना आवश्यक है।निरोधात्मक कार्रवाई के तहत लाईन लिस्ट प्राप्त होने पर सूक्ष्म कार्य योजना के अनुसार डेंगू के सम्पुष्ट मरीज के आस-पास 500 मीटर रेडियस में तुरंत टेक्निकल मालाथियोन की फॉगिंग कराएं। बैठक में जानकारी दी गई कि अस्पताल में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है।
आवश्यकता पड़ने पर सिविल सर्जन को बेड बढ़ाने का निर्देश दिया गया। सभी भागीदार (स्टेक होल्डर्स) यथा जिला प्रशासन, नगर निकाय, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पीएचईडी एवं अन्य आपस में समन्वय स्थापित कर सभी आवश्यक कार्रवाई करें। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी विभागीय दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें।
डेंगू बुखार के क्लिनिकल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें। आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू-प्रवण क्षेत्र में सघन अभियान चलायें। जन समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करें। त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों के जन-प्रतिनिधियों सहित सभी जन-प्रतिनिधियों से अनुरोध कर अभियान में उनका बहुमूल्य सहयोग प्राप्त करें।
शमीक्षा बैठक में सारण ज़िला में डेंगू को मात देने के लिए नियमित तौर पर आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) एवं बीसीसी (व्यवहार, परिवर्तन, संचार) अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। इसकी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम सतत सक्रिय है।
गाइडलाइन्स के अनुसार फॉगिंग तथा टेमीफॉस का नियमित छिड़काव किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा अर्द्ध निर्मित, खाली सरकारी एवं निजी प्लॉट पर भी एंटीलार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि योजनाबद्ध ढ़ंग से डेंगू रोकथाम गतिविधियों में जन समुदाय की सहभागिता जरुरी है।
कहा कि मच्छर प्रजनन स्थलों को चिन्हित कर प्रजनन रोकने के उपायों के बारे में आम जनता को जागरूक करना जरूरी है। पानी टंकी तथा घरों के अंदर साफ पानी जमा करने के बर्तनों को ढ़ककर रखने के लिए आम जनता को प्रेरित करने की जरुरत है।
दिन में भी मच्छर काटने से बचने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए आम जनता में जागरूकता बढ़ाना और विभिन्न माध्यमों यथा प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रहिवासियों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया।
कहा गया कि डेंगू बीमारी एडिज नामक मच्छर के काटने से होती है। एडिज मच्छर दिन के समय काटता है। अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आँखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलाना एवं उल्टी होना,
गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना शुरु हो जाता है और त्वचा पर चकत्ते उभर आते हैं।
एडिज का मच्छर स्थिर साफ पानी में पनपता है। कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें। घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली तथा परदे लगायें।
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