बीएलओ का मूल मंत्र है योग्य छूटे नहीं, अयोग्य जुटे नहीं-गीता चौबे
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। बीएलओ वह महत्वपूर्ण अधिकारी है, जिसके माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग सीधे तौर पर मतदाताओं और आम नागरिक से संपर्क में रहता है। उक्त बातें आयोग द्वारा प्रतिनियुक्त प्रशिक्षण प्रेक्षक गीता चौबे ने 9 मई को स्थानीय प्रेक्षा गृह में आयोजित प्रमंडल स्तरीय बीएलओ व निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि बूथ लेवल अधिकारी केवल अपने जिला और क्षेत्र का ही नेतृत्व नहीं करते, बल्कि सीधे तौर पर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (इसीआई) का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनकी नियुक्ति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के धारा 13 (ख) के तहत होती है। उन्होंने कहा कि यह अति महत्वपूर्ण पद और जिम्मेदारी है। इतना महत्व किसी अन्य स्तर के अधिकारी को नहीं। इसलिए बीएलओ के कर्तव्य और जिम्मेदारी भी अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारा मूल मंत्र है कि योग्य छूटे नहीं और अयोग्य जुटे नहीं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निर्वाचक निबंधन के प्रेक्षक सह प्रमंडलीय आयुक्त गोपाल मीणा ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम लोकतंत्र को जीवित रखने में अपना योगदान कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति दिवंगत अब्राहम लिंकन की उक्ति को उद्धृत करते हुए बताया कि किसी काम को करने का छह घंटे समय मिले तो चार घंटे तैयारी करूंगा। उन्होंने कहा कि बीएलओ को अवश्य ही इसका अनुपालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वयं को हमेशा अपडेट करते रहें। अनुभव काम आता है, मगर नियम बदलते रहते हैं। इसलिए उन्हें जरूर पढ़ें और जानें।
सारण के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी अमन समीर ने कहा कि स्वच्छ निर्वाचन की नींव स्वच्छ निर्वाचन सूची है। निर्वाचन आयोग इसे लेकर बहुत गम्भीर है। इसलिए पहली बार बीएलओ और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को दिल्ली बुलाकर प्रशिक्षित करने की शृंखला चल रही है। इसी क्रम में आज यहां प्रमंडल स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। बूथ पर राजनीतिक दलों के द्वारा बीएलए बनाए गए हैं।
आने वाले समय में अधिक निगरानी रहेगी। जवाबदेही बढ़ेगी। नियम और विभिन्न प्रकार के फॉर्म के बारे में अपडेट रहें। बूथ के बीएलए से समन्वय बना कर रखें। इससे बहुत मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आसन्न चुनाव की प्रक्रिया इवीएम की एफएलसी शुरू होने के साथ ही चुनाव की प्रक्रिया एक प्रकार से शुरू हो चुकी है। आचार संहिता लागू होने का इन्तजार करने के बजाय अभी से स्वयं को तटस्थ रखें।
हमें अगला चुनाव त्रुटि रहित कराना है। इसलिए वोटर लिस्ट की शुद्धता को प्राथमिकता देनी है। कहा कि माह में गम्भीरता से पांच-छह दिन काम कर लिया जाए, तो सूची शुद्ध हो जाएगी। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनिल राय ने बीएलओ का मनोबल बढ़ाते हुए प्रशिक्षण में सीखी गयी बातों को अन्य बीएलओ से शेयर करने का आग्रह किया। उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण की लाईव स्ट्रीमिंग की जा रही है। निर्वाचन आयोग स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है।
उन्होंने प्रशिक्षण पूरी तन्मयता से लेने का आग्रह करते हुए बताया कि सत्र समापन के बाद ऑनलाईन परीक्षा का भी आयोजन किया जाएगा। प्राप्तांक के आधार पर बीएलओ को ग्रेडिंग प्रदान किया जाएगा। बताया कि प्रशिक्षण के प्रथम सत्र का संचालन अवर निर्वाचन पदाधिकारी हथुआ शशि प्रकाश राय, द्वितीय सत्र का संचालन डिप्टी डीईओ एकबाल व् एसईओ सोनपुर एखलाक अंसारी, तृतीय सत्र का संचालन डिप्टी डीईओ सीवान सोहैल अहमद व् एसईओ महाराजगंज दिलीप, चौथे सत्र का संचालन एसईओ अंसारी व् सिंह, पांचवे सत्र का संचालन डिप्टी सीईओ राय, डिप्टी डीईओ एकबाल अहमद व एसईओ अंसारी ने किया।
इस दौरान बीएलओ की नियुक्ति, अधिकार व कर्तव्य, विभिन्न नियम, कानून व प्रावधान, मतदाता बनने की अर्हता, समान्य जिम्मेदारियां, दंड का प्रावधान, आचार व्यावहार, विभिन्न प्रकार के फॉर्म को भरने के तरीके आदि की जानकारी दी गयी। इस दौरान ग्रुप बना कर अलग अलग टॉपिक पर ऐक्टिविटी करायी गयी। वहीं रोल प्ले सेशन का रोचक आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने बीएलओ और मतदाता का किरदार अदा करते हुए मतदाता सूची में नाम जोड़ने, सुधार, विलोपन, शिफ्ट और डिलीशन जैसी ऐक्टिवटी को लाइव किया। अलग से इवीएम के हैंड्सऑन का सत्र भी संचालित किया गया।
पूर्व में अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डीएम समीर ने इसके लिए एक बीएलओ को प्रतिनिधि के रूप में आमंत्रित कर शामिल किया। अंत में ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से योग्यता की जांच की गयी।
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