जिला पदाधिकारी के खिलाफ जिले के राजस्व पदाधिकारी ने खोला मोर्चा

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली) वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित समाहरणालय परिसर में जिले के सभी 16 अंचलों केअंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी और राजस्व कर्मचारियों ने अपने ही जिले के जिलापदाधिकारी यशपाल मीणा के खिलाफ बीते 26 अक्टूबर को मोर्चा खोल दिया है। सभी आंदोलनकारी जिला पदाधिकारी के खिलाफ काला मास्क पहनकर समाहरणालय परिसर में दरी बिछा कर धरने पर बैठे गए।

धरना पर बैठे अंचल अधिकारी और राजस्व पदाधिकारियों का आरोप है कि जिलापदाधिकारी ने बीते 25 अक्टूबर को जिले में नए पेट्रोल पंप लगाने हेतु प्राप्त आवेदन के लंबित एनओसी की समीक्षा बैठक की, जिसमें जिलाधिकारी ने सभी लंबित आवेदनों के कारण की जांच कर उसे अविलंब निष्पादित करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया।

बैठक में अपर समाहर्ता, वरीय उप समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी महनार एवं महुआ, सभी तेल कंपनियों के प्रतिनिधि तथा आवेदन लंबित रहने वाले आवेदक उपस्थित रहे। उक्त बैठक में हाजीपुर की अंचल पदाधिकारी अंजलि कुमारी भी उपस्थित थी। बताया गया है कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले अंचल पदाधिकारी और राजस्व पदाधिकारियों को उनके विरुद्ध कार्यवाही करने की धमकी भी दिया गया था, उसी क्रम में जिलापदाधिकारी ने हाजीपुर अंचल पदाधिकारी को डॉट लगाई थी। इसी कारण जिले के सभी राजस्व कर्मचारी जिलापदाधिकारी से भड़के हुए हैं।

इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी हाजीपुर ने धरने पर बैठे अंचलाधिकारी को समझाने की कोशिश की। साथ हीं धरना खत्म करने को कहा, लेकिन सीओ और आरओ मानने को तैयार नहीं हैं। नाराज अंचलाधिकारी का कहना है कि आप हमसे जितना काम करा सकते हैं, करा लें। लेकिन हमें बेइज्जत मत कीजिए। जेल में डालने की धमकी मत दीजिए। एफआईआर दर्ज करने को मत कहिए।

ज्ञात हो कि, वैशाली के जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा की जिले में एक कर्मठ पदाधिकारी के रूप में छवि है। वैशाली जिले में जब से उनकी पदस्थापन हुई है तब से लगातार अंचल कार्यालय से लेकर सभी विभागों का स्वयं निरीक्षण करते रहते हैं। इनके कार्यकाल में इनके द्वारा कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने का काफी प्रयास किया गया। गत एक वर्ष में कई एक भ्रष्ट राजस्व कर्मचारी और कर्मचारी को दंडित किया गया है। उन्हें सेवा से भी मुक्त किया गया है।

पूरे जिले से जिला पदाधिकारी के समक्ष आम जनता की शिकायत दाखिल खारिज को लेकर अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ पहुंचती है, जिस वजह से जिला पदाधिकारी का राजस्व कर्मचारियों पर भ्रष्ट तरीकों से काम करने का दबाब रहता है। जिले में सर्वे की कार्यवाही शुरू होने के बाद अंचल कार्यालय राजस्व कर्मचारी और जिले के निबंधन कार्यालय इत्यादि में काम का काफी दबाव है, जिसका कर्मचारी आम जनता से नाजायज फायदा उठा रहे हैं। जिसकी शिकायत मिलने पर जिला पदाधिकारी निश्चित रूप से ही कार्य कर रहे हैं। लेकिन जिला पदाधिकारी जीतना चाहते हैं उतना कर्मचारी कार्य नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से जिला पदाधिकारी कभी-कभी अधीनस्थ कर्मचारियों पर झल्ला जाया करते हैं।

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