अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने 3 मार्च को छपरा नगर निगम तथा इसके समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्र (निगम के संभावित विस्तार वाले क्षेत्र) से वर्षा जल की निकासी के लिए एकीकृत प्रणाली के विकास के लिए दृष्टिकोण पत्र का विमोचन किया।
जानकारी के अनुसार दृष्टिकोण पत्र में वर्षा जल की निकासी के लिए तथ्यों को संकलित किया गया है। इन तथ्यों में वर्तमान निगम क्षेत्र से वर्षा जल के 70 प्रतिशत की निकासी उत्तर की ओर तथा शेष 30 प्रतिशत की निकासी रूपगंज होकर दक्षिण की ओर सीधे घाघरा नदी में होती है।
बताया जाता है कि, संभावित निगम विस्तार वाले क्षेत्र सहित संपूर्ण निगम क्षेत्र के लिए दो प्रधान मुख्य निकासी प्रवाह तंत्र का विकास किया जाना है, जिसमें सीवान-हाजीपुर रेल खंड के समानांतर 50 बी नंबर ढाला से छपरा ग्रामीण स्टेशन तक आउटफॉल नाला, दुधिया पोखर से तेल नदी तक बग्धी नाला का पुनरुद्धार कर ऑउटफॉल नाला के रूप में विकास, शेरपुर स्थित वर्त्तमान एसटीपी के अतिरिक्त तेल नदी के उत्तरी भाग में एक अतिरिक्त एसटीपी एसटीपी का निर्माण करते हुए उनके पोषनीय नालों का विकास, वर्षा जल निकासी के वर्तमान आउटलेट की स्थिति एवं उनके कैचमेंट क्षेत्रों के विवरणी का संकलन किया गया है।
इसके अतिरिक्त मानसून के दौरान सतत जल प्रवाह में अवरोधक अतिक्रमणों की पहचान की गयी है। वर्षा जल निकास तंत्र को प्रधान मुख्य एवं सहायक नालों के रूप में वर्गीकृत करते हुए व्यवस्थित विकास की योजना को रेखांकित किया गया है। साथ ही तेल नदी के किनारे परिस्थिति के अनुरुप संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचित करते हुए रिवर फ्रंट के विकास की योजना को समाहित किया गया है।
दृष्टिकोण पत्र के तथ्यों को जिला पदाधिकारी सारण, पूर्ववर्त्ती एवं वर्तमान नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम, महापौर छपरा नगर निगम के द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान संकलित किए गए तथ्यों, आम नागरिकों के साथ स्थल-विमर्श के आधार पर तैयार किया गया है। इस अवसर पर बताया गया कि बीते वर्ष 5 जुलाई 2024 को स्थानीय सांसद, अन्य जनप्रतिनिधिगण के साथ जिला पदाधिकारी एवं नगर निगम के पदाधिकारियों की आहूत बैठक के दौरान विभिन्न हितधारकों से प्राप्त सुझावों को भी इस डॉक्यूमेंट में निरुपित किया गया है। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, नगर आयुक्त, उप नगर आयुक्त एवं नगर प्रबंधक भी मौजूद रहे।
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