प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण जिले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत वर्ष 2018 से 2024 तक कुल 2255 काण्ड दर्ज किए गये हैं। इनमें से 1888 मामलों में प्राथमिकी के उपरांत पीड़ित/आश्रित को प्रथम क़िस्त के मुआवजे का भुगतान किया गया है। इनमें से 411 मामलों में मुआवजे की दूसरी क़िस्त का भी भुगतान किया गया है।
वर्त्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 368 पीड़ितों/आश्रितों को 2.02 करोड़ रुपया मुआवजे का भुगतान किया गया है। साथ ही 49 व्यक्तियों को नियमित रूप से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। अद्यतन सितंबर 2024 तक के पेंशन का भुगतान किया गया है।
सारण के जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में 19 अक्टूबर को उनके छपरा स्थित कार्यालय कक्ष में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण की जिला स्तरीय निगरानी एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में उपरोक्त जानकारी दी गई।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2018 से 2024 तक इस अधिनियम के तहत जिला में कुल 2255 काण्ड दर्ज हुये हैं। इनमें से 1888 मामलों में प्राथमिकी के उपरांत पीड़ित/आश्रित को प्रथम क़िस्त के मुआवजे का भुगतान किया गया है। इनमें से 411 मामलों में मुआवजे की दूसरी क़िस्त का भी भुगतान किया गया है।
बैठक में कहा गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अबतक 368 पीड़ितों/आश्रितों को 2.02 करोड़ रुपये मुआवजे का भुगतान किया गया है। साथ ही 49 व्यक्तियों को नियमित रूप से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। साथ हीं अद्यतन सितंबर माह तक के पेंशन का भुगतान किया गया है।
इस अधिनियम के अंतर्गत बीते 19 सितंबर 2020 से प्रभावी प्रावधान के तहत किसी भी परिवार के कमाऊ सदस्य की हत्या के मामले में उनके परिभाषित आश्रित को अनुसेवक संवर्ग में सरकारी नौकरी दिया जाना है। जिला में ऐसे 6 मामलों में से अबतक 2 मामलों में आश्रितों को नौकरी दी गई है।
अन्य 4 मामलों में आरोप का गठन होने के उपरांत आश्रितों को नौकरी देने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। इस अधिनियम के तहत गवाही के लिये न्यायालय में आने वालों को यात्रा भत्ता देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे सभी लाभूक को नियमानुसार यात्रा भत्ता का ससमय भुगतान सुनिश्चित करने को कहा गया।
बैठक में विधायक छपरा, विधायक गड़खा, पुलिस अधीक्षक, जिला कल्याण पदाधिकारी, विशेष लोक अभियोजक सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
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