ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक संतोष नायक 6 दिसंबर से बोकारो जिला के हद में बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए।
इस अवसर पर नायक ने बताया कि बेरमो जिला बनने की सभी अहर्ताएं पूरी करती है। बावजूद इसके सरकार के उदासीन रवैया के कारण हम सब बेरमोवासी उसका दंश झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बड़े नेता यहां से चुनाव जीतकर गए।
चुनाव के समय चुनावी मैदान में घोषणा कर जाते हैं और सदन में आवाज उठाने के बावजूद भी मुख्यमंत्री द्वारा संज्ञान में नही लिया जा रहा हैं। सीएम के कानों में जू तक नहीं रेंग रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कई बार सदन में विधायकों द्वारा उक्त मामले को उठाया गया, परंतु आज तक बेरमो को जिला का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ।
इस अवसर पर बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में अनुमंडल का 51वां वर्षगांठ धूमधाम से मनाया गया। ढोल, नगाड़ा बजा और घोड़ नाच का जश्न मनाया गया। अनुमंडल कार्यालय के पास से ढोल नगाडा और बाजा के साथ जुलूस बिरसा चौक तक गया।
यहां भगवान बिरसा के आदम कद प्रतिमा पर जिला बनाओ संघर्ष समिति के सभी अधिकारी एवं सदस्यों द्वारा माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किया गया। यहां से वापस अनुमंडल कार्यालय ढोल नगाड़ों के साथ धरना स्थल पर पहुंच कर सभा मे बदल गई।
सभा स्थल पर पहुंचकर अनुमंडल के 51वां वर्षगांठ का बोकारो जिला परिषद अध्यक्ष सुनीता देवी, समिति अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा, सचिव वकील प्रसाद महतो और संयोजक संतोष नायक, सह संयोजक कुलदीप प्रजापति द्वारा संयुक्त रूप से केक काटकर मनाया गया। समिति के सभी सदस्यों एवं साथियों के बीच केक का वितरण किया गया।
इस अवसर पर सभा की अध्यक्षता कर रही जिप अध्यक्ष सुनीता देवी ने कहा कि हर हाल में बेरमो अनुमंडल को जिला का दर्जा दिलाकर रहेंगे। यह हम सब ने ठाना है कि इस बार बेरमो अनुमंडल को जिला बनना है।
इसके लिए जितनी भी कड़ी संघर्ष करना पड़े, हम सब तैयार हैं। तन मन धन चाहे जिस तरह से हो हर प्रकार से लड़ने के लिए तैयार है। सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन की तैयारी पूरी कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि हक और अधिकार सदन से नही मिलेगा तो सड़क पर उतर कर मांगेंगे।
सभा में पदेन सचिव वकील प्रसाद महतो द्वारा बताया गया की अलग राज्य बनने के बाद कई जिले बने जो बेरमो से कम अहर्ता रखता है। उन्होंने बताया की 12 दिसम्बर 2007 को खूंटी अनुमंडल को जिला का दर्जा मिला। जिसके अंतर्गत 6 प्रखंड था। जिसकी आबादी 2011की जनगणना के अनुसार 5,30,209 थी।
वहीं 26 अप्रैल 2001 को जामताड़ा को जिला का दर्जा मिला, जिसकी जनसंख्या 2011 मे 7,90,969 थी, जिसमे 6 प्रखंड मौजूद था। वहीं 12 दिसम्बर 2007 मे रामगढ़ को जिला का दर्जा मिला, जिसकी 2011मे कुल जनसंख्या 9,49,169 थी। वहीं इसके अंतर्गत 6 प्रखंड आते थे। वहीं 30 अप्रैल 2001को सिमडेगा को जिला का दर्जा दिया गया।
2011 की जनगणना के अनुसार सिमडेगा की जनसंख्या 7,25,653 थी और कुल प्रखंड 6 थे। 4 अप्रैल 2001 को लातेहार को जिला का दर्जा दिया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार लातेहार की आबादी 4,61,738 थी, जिसके अंतर्गत 7 प्रखंड थे। वहीं 2011 की जनगणना के अनुसार बेरमो अनुमंडल की कुल आबादी 11,07,672 थी।
वर्तमान मे बेरमो की आबादी लगभग 16 लाख और 7 प्रखंड है। फिर भी बेरमो जिला बनने के लिए मोहताज है। जबकि, 6 दिसम्बर 1972 मे बेरमो अनुमंडल का गठन गिरिडीह जिला से किया गया था। त्तपश्चात् 1975 मे बेरमो अनुमंडल को तेनुघाट मुख्यालय मे स्थापित किया गया। वर्ष 1981 मे गिरिडीह से सिविल कोर्ट का स्थानांतरण तेनुघाट किया गया।
वहीं 6 दिसम्बर 2013 को 15 स्थाई कोर्ट का निर्माण कर उद्घाटन किया गया। बताया गया की तेनुघाट मे न्यायालय, उपकारा, जेएनवि, डीएववी, अनुमंडल अस्पताल, एसडीओ और एसडीपीओ कार्यालय और आवास स्थाई रूप से मौजूद है। महतो ने बताया की बेरमो अनुमंडल मे 5 डिग्री कॉलेज, 9 इंटर कॉलेज, 7 डीएवी पब्लिक स्कूल, 20 हाई स्कूल, पानी संग्रह डैम, तीन थर्मल पावर प्लांट मौजूद है।
इस अवसर पर जीप सदस्य सुरेंद्र राज, माला कुमारी, मुखिया तारामणि भोक्ता, नीलम श्रीवास्तव, उर्मिला देवी, पूर्व मुखिया रहमतुन निशा, भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष चितरंजन साव, भाजपा जिला युवा मोर्चा अध्यक्ष विनोद प्रजापति, पूर्व मुखिया घनश्याम प्रसाद, अजय प्रजापति, समाज सेवी मिथुन चन्द्रवंशी, अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा, डी एन तिवारी, वेंकट हरि विश्वनाथन, सुभाष कटरियार, सेवा गंझू सहित दर्जनों गणमान्य एवं अधिवक्ता गण मौजूद थे।
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