न्यायालय के आदेश के बाद भी नियोजन नहीं मिलने के बाद धरने पर बैठे विस्थापित

प्रहरी संवाददाता/गोमियां (बोकारो)। न्यायालय के आदेश के बावजूद भी नियोजन नहीं मिलने के बाद मजबूर होकर धरने पर बैठ गये टीटीपीएस के विस्थापित।

जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद बाध्य होकर तीन विस्थापित 11 मार्च को गोमियां प्रखंड के हद में ललपनियाँ स्थित टीटीपीएस के प्रशासकीय भवन के समक्ष धरने पर बैठ गए। इस संबंध में धरना पर बैठे विस्थापित अलिमुद्दीन अंसारी, मो. मुख्तार एवं लाल मिस्तरी के द्वारा टीटीपीएस प्रबंधन सहित प्रशासनिक पदाधिकारियों को लिखित सूचना दिया गया था।

धरना डे रहे तीनों विस्थापितों ने बताया कि वर्ष 2006 मे नामित सूची मे जांच भी किया गया। वर्ष 2008 मे हम तीनों को कमेटी के द्वारा छटनी कर दिया गया। तब हम सभी मजबूर होकर उच्च न्यायालय के शरण मे गये। न्यायालय से वर्ष 2010 में आदेश आया कि चार माह के अंतराल मे उन्हें नियोजन दिया जाये।

फिर भी नियोजन नहीं मिला, तब पुनः हम सभी ने कोर्ट आफ कंडक्ट किया। टीटीपीएस प्रबंधन के द्वारा सकारात्मक जवाब नही दिया गया।पुनः हम सभी ने उच्च न्यायालय मे याचिका दायर किया। न्यायालय मे प्रबंधन द्वारा दिये गये जवाब को कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया।

उन्हें न्यायालय द्वारा तीन माह के अन्दर नियोजन देने का आदेश दिया गया। जिस पर हम सभी तीनों विस्थापित बीते वर्ष 6 दिसबंर को टीटीपीएस प्रबंधन को पत्र प्रेषित कर नियोजन के लिये आवेदन प्रस्तुत किया है।

बताया कि पत्र दिये कई माह गुजर जाने के बावजूद प्रबंधन द्वारा इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाई नही किया गया। इसके बाद हीं हम सभी धरने के माध्यम से टीटीपीएस प्रबंधन को जगाने का काम कर रहे हैं।

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