एस. पी. सक्सेना/मुजफ्फरपुर (बिहार)। प्रेमचंद जयंती समारोह समिति की ओर से 31 जुलाई को कलम के जादूगर प्रेमचंद की जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रेमचंद और आज का भारतीय समाज विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
परिचर्चा का मुजफ्फरपुर शहर में स्थित आयोजन समिति के मोतीझील स्थित कार्यालय में आयोजित किया गया। परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष शशिकांत झा एवं संचालन समिति के सचिव अर्जुन कुमार ने किया। जबकि, विषय प्रवेश प्रोफेसर मनोज कुमार ने किया।
उक्त जानकारी देते हुए मुजफ्फरपुर की युवा कवियित्री सविता राज ने बताया के मोतिझील स्थित समिति के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रसिद्ध कथाकार प्रेमचंद का बचपन का नाम अमृत राय था।
उन्होंने अपने साहित्य में उस समय की कुरीतियों, विद्रुपताओं को दर्शाते हुए उन समस्याओं से मुक्त एक समतामूलक समाज निर्माण की तरफ इशारा किया था। परंतु आज के समय में उससे भी अधिक विद्रूप समाज बनता जा रहा है। मणिपुर की घटना इसका ताजा उदाहरण है।
वक्ताओं ने कहा कि आज का महाजनी समाज मध्यम वर्ग एवं गरीबों को पूरी तरह से अपने आगोश में जकड़ती जा रही है। दूसरी तरफ शासक वर्ग आम जनों को जाति एवं संप्रदायिकता में बांट कर भात्रिघाति हमले करवा रही है।
परिचर्चा में डाॅ पुष्पा गुप्ता, डॉ कुमार विरल, रविंद्र सिंह, विजय शंकर शाही, डॉ ललन भगत, बैजू कुमार, डॉ मनोज कुमार, अभियंता राम स्वार्थ साह, कवियित्री सविता राज, अमरनाथ चंद्रवंशी, कुंदन कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। धन्यवाद ज्ञापन आशुतोष कुमार ने किया।
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