बिहार में सिनेमा के भविष्य को लेकर परिचर्चा

रेन मार्क द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म द बर्डस और डार्क रे का स्क्रीनिंग

एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना के यूथ हॉस्टल में 14 फरवरी को मार्क फिल्म प्रोडक्शन द्वारा निर्मित दो शॉर्ट फिल्म्स ‘ द बर्डस’ और ‘ द डार्क रे’ का स्क्रीनिंग किया गया। दोनों फिल्मों के निर्देशक बिहार के उभरते युवा फिल्म निर्देशक रेन मार्क द्वारा तैयार किया गया है। उक्त जानकारी मशहूर टीवी कलाकार, नाटककार तथा कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल ने दी।

उन्होंने बताया कि उक्त शॉर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ फिल्म निर्देशक किरणकांत वर्मा उपस्थित थे। वे फिल्म देखकर काफी अभिभूत हुए और रेन मार्क को बेहतरीन भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

वर्मा ने कहा कि बिहार में ऐसे जुनूनी युवा फिल्म निर्देशकों की जरूरत हैं जो बिहार में सिनेमा को एक नए स्तर तक ले जा सकते हैं। अगर रेन मार्क जैसे निर्देशक को प्रोत्साहन मिले तो आने वाले समय में बिहार में भी सिनेमा का भविष्य सुनहरा हो सकता हैं। उन्होंने कहा कि नए फिल्म मेकर को अपने से बड़े फिल्म मेकर से हमेशा सीखना चाहिए।

परिचर्चा में बताया गया कि ‘द बर्ड्स’ फिल्म में मधु नाम की लड़की की कहानी को दिखाया गया है जो पढ़ लिखकर आईपीएस बनना चाहती हैं। मधु पंक्षियों की तरह खुले आसमान में उड़ना चाहती हैं। वहीं उसके परिवार वाले समाज द्वारा बनाए पुराने रूढ़िवादी धारणा को मानकर उसकी शादी जल्द से जल्द करना चाहते हैं।

वह शादी नहीं करना चाहती है। वह आईपीएस बनना चाहती हैं। मधु यह सब सहन नहीं कर पाती हैं और अपने हाथ का नस काटकर आत्महत्या करने की कोशिश करती हैं, लेकिन उसका दोस्त रोहित सही वक्त पर आकर उसकी जान बचा लेता हैं। मधु पढ लिखकर आईपीएस बन जाती हैं और समाज के लिए एक मिशाल पेश करती हैं।

बताया गया कि द बर्ड्स फिल्म के मुख्य कलाकार आकांक्षा प्रिया श्रीवास्तव, रेन मार्क, रेनू सिन्हा, सरबिंद कुमार, आलोक गुप्ता, रवि कपूर, आदित्य शर्मा, ऋषिकेश कुमार, गुड़िया शर्मा, धर्मशिला देवी है। इसके लेखक और निर्देशकरेन मार्क हैं।

द बर्ड्स की स्क्रीनिंग के बाद डार्क रे का स्क्रीनिंग किया गया। यह फिल्म एक फिलोसोफिकल फिल्म हैं जो आधुनिक युग के काली सच्चाई को दिखाती हैं। यह फिल्म एक ऐसे विद्यार्थी की कहानी हैं जो अपना घर -परिवार सबकुछ छोड़कर शहर की चकाचौध दुनिया में पढ़ लिखकर अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहता हैं।

वह उस चकाचौध दुनिया के पीछे छुपी काली सच्चाई को पहचान नहीं पाता हैं। वह समझ नहीं पाता हैं कि अपनी इस नाकामी भरी जिन्दगी के साथ अपने गांव अपने परिवार के पास कैसे जाए। उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगती है। अंतत: वह अपनी जान दे देता है।

डार्क रे फिल्म के मुख्य कलाकार रेन मार्क और रंजीत राज हैं। फिल्म के लेखक और निर्देशक रेन मार्क ने फिल्म को इतने बेहतरीन ढंग से बनाया है, जिसे देखकर दर्शक काफी हर्षित दिखे। दर्शकगण दोनों फिल्मों की तारीफ करते हॉल से निकले।

दोनों फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद बिहार में सिनेमा के भविष्य को लेकर बात की गई। उपस्थित तमाम गणमान्य जनों ने अपना अपना मत रखा। राजेन्द्र नरेंद्र ने कहा कि बिहार में भी बाकी राज्यों की तरह फिल्म निर्माण में सब्सिडी उपलब्ध कराया जाए, ताकि यहां अधिक से अधिक फिल्मों का निर्माण संभव हो सके।

विनीत झा ने कहा कि अभिनेता को सदैव सीखते रहना चाहिए। मनीष महिवाल ने कहा कि फिल्म मेकिंग के साथ साथ बिहार में फिल्म के भविष्य को लेकर बात हमेशा होनी चहिए। रूचिन चैनपुरी ने कहा कि असम की फिल्में ऑस्कर जा रही हैं।

बिहार की फिल्में भी ऑस्कर में जानी चाहिए। उषा वर्मा ने रेन मार्क को बेहतरीन फिल्म निर्माण के लिए साधुवाद दी। सम्राट उपाध्याय ने कहा कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं। जरूरी है उन प्रतिभाओं को पहचान कर उसे विश्व पटल पर लाने की।

मौके पर राजेंद्र नरेन्द्र, उषा वर्मा, मनीष महिवाल, सरबिंद कुमार, सम्राट उपाध्याय, विनीत झा, रास राज, रुचिन चैनपुरी, रेनू सिन्हा, अनिशा, निक्की, कुमार राहुल, आदित्य कुमार अश्क, अवनीश महादेवन, आदर्श राज प्यासा, शिवम कुमार, सुनीता शर्मा, आदि।

अक्षय कुमार यादव, सुमित कुमार, रमेश सिंह, रवि आनंद, मृत्युंजय यादव, मनीष कुमार, मीना देवी, मथुरा शर्मा, मंजू कुमारी, नीतीश कुमार, सतीश कुमार, चंदन कुमार आदि उपस्थित थे।

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