रोड मैप तैयार कर डीएवी द्वारा प्रोजेक्ट सेंट्रल स्कूल संचालित किए जाने मंशा-राय
सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में किरिबुरु क्षेत्र में शिक्षा के विकास एव बच्चों के उज्जवल भविष्य को सेल संबद्ध प्रोजेक्ट सेंट्रल स्कूल किरीबुरू को डीएवी संस्था द्वारा संचालित किए जाने को लेकर 12 अप्रैल को सेल प्रबंधन द्वारा डीएवी संस्था के साथ वार्ता की गई।
बताया जाता है कि वर्तमान में सेल संबद्ध प्रोजेक्ट सेंट्रल स्कूल किरीबुरू के अध्ययन स्तर, बच्चो का भविष्य सुधारने हेतु शिक्षा, परिपक्व माहौल व् विद्यालय को बुनियादी ढांचे से सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई।
इसे लेकर सेल किरीबुरु के मुख्य महाप्रबंधक कमलेश राय ने जमशेदपुर स्थित डीएवी के क्षेत्रीय रीजनल अधिकारी झारखंड ए जोन ओपी मिश्रा एवं डीएवी गुवा प्राचार्या उषा राय से वार्ता कर प्रोजेक्ट सेंट्रल स्कूल किरीबुरू की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट किया।
इस संबंध में सेल किरीबुरु मुख्य महाप्रबंधक राय ने बताया कि वर्तमान में अस्थायी रूप से कार्यरत 17 पारा शिक्षकों द्वारा चलाए जा रहे उक्त स्कूल मे अध्ययनरत बच्चों की संख्या मात्र 410 के आसपास है। सेल प्रबंधन के निरंतर प्रयासों के बावजूद भी विद्यालय के स्थिति दिन प्रतिदिन चिंतनीय होती जा रही है। सेवारत प्राचार्या सुधा सिंह द्वारा निरंतर विद्यालय के शिक्षा स्तर में सुधार की कोशिश जारी है।
मुख्य महाप्रबंधक राय ने कहा कि रोड मैप तैयार कर डीएवी संस्था द्वारा उक्त स्कूल को संचालित किए जाने की मंशा जतायी जा रही है। राय ने कहा कि शिक्षा का विकास ही बच्चों को सही मायने में जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। उनका यह सतत प्रयास रहा है कि किरीबुरू क्षेत्र के बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में उतीर्ण हो।
राय ने कहा कि अच्छे ज्ञान के आधार पर ही बच्चे आगे जाकर प्रतियोगी परीक्षा में उत्तीर्ण होकर समाज में उदाहरण बन सकते है।इसके लिए प्रोजेक्ट सेंट्रल स्कूल किरीबुरु को एक अच्छे शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित किया जाना नितांत आवश्यक है।
उन्होंने अपने शब्दों में डीएवी संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा डीएवी की पहचान देश एवं विदेश में एक अच्छे संस्था के रूप में है। उनका प्रयास रहेगा कि किरीबुरु क्षेत्र बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल स्थान मिले, जो उत्कृष्ट संस्था द्वारा संचालन से ही संभव है।
इस अवसर पर डीएवी जोन ए जमशेदपुर के क्षेत्रीय रीजनल अधिकारी ओपी मिश्रा ने कहा कि अगर किरीबुरु में डीएवी स्कूल खुलता है तो यहां के बच्चों को प्रमुखता के साथ उच्च कोटि का शिक्षा प्रदान कर उन्हें राष्ट्र का सच्चा प्रहरी बनाया जाएगा।
कहा कि क्षेत्र के आदिवासियों एवं गरीबों को शिक्षा देकर उन्हें समाज के उत्कृष्ट पथ पर अग्रसर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में डीएवी ज्ञान रुपी सुगंध बिखेर रही है। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों में अच्छा संस्कार देकर उन्हें सही अर्थो में मानव बनाना है।
एआरओ मिश्रा ने कहा कि स्कूल का माहौल ऐसा होना चाहिए कि बच्चों के कंपन में शिक्षा दिखाई पड़े। स्कूल शिक्षा का वह केंद्र है जो मंदिर और मस्जिद से भी ज्यादा पवित्र है। उन्होंने बताया कि जो शिक्षा स्कूल में मिलती है, वह मंदिर और मस्जिद में भी नहीं मिल सकती है। स्कूल मस्जिद और मंदिर से भी ज्यादा पवित्र स्थान होता है। जहां ईश्वर की सबसे अनमोल कृति नन्हे- नन्हे बच्चे एक अच्छे इंसान, भविष्य के भारत के निर्माता बनते हैं।
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