लातेहार के कामता पंचायत ग्राम दामोदर जोब्या का मामला
एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। लातेहार जिला के हद में चंदवा प्रखंड के कामता पंचायत में भाषा से दिब्यांग अनुसूचित जाति के परिवार को अबुआ आवास से वंचित कर दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जाता है कि पति पत्नी स्पष्ट बोल नहीं पाते हैं। बावजूद इसके सरकारी मुलाजिमों ने इस परिवार पर भी तरस नहीं खाया।
ज्ञात हो कि राज्य में अबुआ आवास योजना के तहत गरीबों के लिए पक्का मकान मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन इस योजना पर सरकारी कर्मचारी ही पलीता लगा रहे हैं।
चंदवा प्रखंड मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर दूर कामता पंचायत के ग्राम दामोदर के जोब्या में मिट्टी के छोटे से घर में रह रहे अनुसूचित जाति के परिवार जो पति पत्नी स्पष्ट बोल नहीं सकते हैं, उनकी बात स्पष्ट नहीं होने से उसकी स्थिति को देख कर यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की अबुआ आवास गरीबों को देने के मिशन को प्रखंड कर्मी कैसे तार तार करने में लगे हैं।
कामता पंचायत के ग्राम दामोदर टोला जोब्या में स्वर्गीय शिवब्रत राम के पुत्र अनोज राम, उसकी पत्नी गीता देवी, चार लड़का लड़की है। जिसमें 8 वर्ष की राधीका कुमारी, 6 साल की रागिनी कुमारी, 4 साल की संतू कुमारी तथा दो साल के आयुश कुमार के साथ मिट्टी के छोटे घर में किसी तरह अपना सिर छिपाने को विवश हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए 14 फरवरी को कामता के पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने बताया कि दोनों पति-पत्नी स्पष्ट नहीं बोल पाते हैं। भाषा से पुरी तरह दिब्यांग हैं। इनका जीवन गरीबी में गुजर रही है। दोनों पति पत्नी के साफ नहीं बोलने की हालत देखकर सभी को तरस आता है, लेकिन प्रखंड कर्मियों को तरस नहीं आई।
वे इस परिवार का नाम अबुआ आवास की लिस्ट से हटा दिया है।
गांव के ग्रामीण बताते हैं कि परिवार की माली हालत सही नहीं है। बच्चों को भरण पोषण के लिए पुरे परिवार के साथ रोजी रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेश पलायन कर जाते हैं।
खान ने बताया कि पति पत्नी दोनों की बात स्पष्ट नहीं होने से यह परिवार अपनी लाचारी बयां भी नहीं कर पाते हैं। इस लिए उन्हें और भी परेशानी होती है। उक्त परिवार विकट समस्या से जूझ रही है। इस परिवार को कोई सरकारी सुविधा अबतक नहीं मिल पाया है। इस गरीब परिवार को पूछने वाला कोई नहीं है।
उपायुक्त से है ऐसे गरीब परिवारों को काफी उम्मीदें-खान
इस मामले पर पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने पुछे जाने पर कहा कि इस परिवार के बारे में मुझे भी जानकारी है। उन्होंने कहा कि अबुआ आवास से वंचित करना इस परिवार के साथ अन्याय है।
उन्होंने कहा कि कामता पंचायत में और भी कई दिब्यांग, विधवा, गरीब का नाम अबुआ आवास की सूची से हटाया गया है, जो गलत है। कहा कि छुटे हुए दिब्यांग गरीबों का नाम जोड़ने के लिए धरना भी दिया गया, लेकिन अबतक नाम नहीं जोड़ा गया है। नए जिला उपायुक्त गरिमा सिंह से उम्मीद है कि छुटे हुए गरीबों का नाम जोड़ने के लिए कुछ कदम जरुर उठाएंगे।
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