फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। अपनों को तो सब गले लगाते हैं, किसी गैर को गले लगा कर तो देखो अपार सुख अनुभव होगा। किसी ग़रीब की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करके तो देखो, दिखावे और स्वार्थ के लिए करते हो तो मत कीजिए। किसी की सेवा करनी है तो नि:स्वार्थ मन से कीजिए।
कुछ ऐसे हैं विचारों को आत्मसात करता रहा है सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन। राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से अंलकृत समाजसेविका और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डॉ नम्रता आनंद ने एक बार फिर से मानवता की मिसाल पेश की है।
अररिया जिले का रहने वाला मासूम बच्चा इन दिनों बिहार की राजधानी पटना के एम्स में भर्ती है। बच्चे को ब्लड कैंसर है। दीदी जी फाउंडेशन ने बच्चे के इलाज का बीड़ा उठाया है। डॉ नम्रता आनंद और मुजफ्फरपुर के जिलाध्यक्ष दिव्यांश मल्होत्रा बच्चे की मदद में लगे हुये हैं। डॉ नम्रता ने उक्त बच्चे के लिये ब्लड का इंतजाम करवाया और उसके लिये कंबल, तोसक और भोजन समेत अन्य जरूरी सामान का प्रबंध किया। ऐसा कर डॉ नम्रता को आत्मीय संतुष्टि मिली है।
उन्होंने 15 जनवरी को एक भेंट में बताया कि उनके इस काम में जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के सचिव और समाजसेवी डॉ एल.बी सिंह तथा रानी शर्मा ने मदद की है। उक्त बच्चा पहले से ठीक है। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि वह जल्द स्वस्थ होकर अपने घर लौट जायेगा।
उन्होंने बताया कि डॉ एल.बी सिंह अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर समय-समय पर एम्स जा रहे हैं और बच्चे की सहायता कर रहे हैं। डॉ नम्रता का कहना है कि समाज सेवा से अभिप्राय है कि जिस समाज में हम रहते हैं। खाते हैं। पीते हैं व जीते हैं।
उन्ही लोगों की सेवा करना, उनकी मदद करना एवं उनका हित करना। यह सब नि:स्वार्थ करना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य बनता है कि सच्चे दिल से समाज की सेवा करें। सच्चे हृदय से की गयी समाज सेवा ही इस देश व इस पूरे संसार का कल्याण कर सकती है।
डॉ नम्रता का कहना है कि नि:स्वार्थ सेवा और समर्पण का भाव चाहिए, इंसान का इंसानियत से लगाव चाहिए, बदलाव देखना चाहते हैं ज़माने में तो, सबसे पहले ख़ुद में बदलाव चाहिए। नि:स्वार्थ किसी का हाथ थाम कर तो देखो” किसी बेगाने को अपना मान कर तो देखो, धरती पर ही हो जाएगा स्वर्ग का एहसास, ख़ुद के अंदर बसे भगवान को जान कर तो देखो।
गौरतलब है कि डॉ नम्रता आनंद ने वर्ष 2008 में दीदीजी फाउंडेशन की स्थापना की थी जो आस्था, प्रेम, प्रकाश, हमारा संकल्प है विकास के उद्देश्य को चरितार्थ करती है। दीदीजी फाउंडेशन के बैनर तले जल जीवन हरियाली, बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ, पर्यावरण, स्वच्छता, तंबाकू विरोधी अभियान, साक्षरता, रक्तदान, पल्स पोलिया प्रतिरक्षण, कोरोना जागरूकता, महिला सशक्तीकरण, वरिष्ठ नागरिकों की सेवा, ट्रांसजेंडर्स के उत्थान, विकलांग लोगों के पुर्नवास समेत कई सामाजिक कार्य किये जाते हैं।
वर्ष 2020 में कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में डॉ नम्रता ने संस्कार शाला की स्थापना की। संस्कार शाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों को नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई और नृत्य का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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