फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। सामाजिक संगठन मुजफ्फरपुर की टीम ने वृन्दावन सेवा संस्थान द्वारा संचालित व़द्धावस्था कल्याण केन्द्र (वृ़द्धाश्रम) में वृद्धजनों के बीच कंबल और
गर्म कपड़े का वितरण किया। इस कार्यक्रम का संयोजन दीदीजी फाउंडेशन मुजफ्फरपुर के अध्यक्ष दिव्यांश मेहरोत्रा ने किया।
इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डॉ नम्रता आनंद, वृन्दावन सेवा संस्थान के सचिव सुनील कुमार, उपाध्यक्ष आनंद भूषण मिश्रा, समाजसेविका डॉ सुमन मेहरोत्रा, समाज सेविका रचना मेहरोत्रा समेत कई गणमान्य मौजूद थे। मौके पर डॉ नम्रता आनंद, डॉ सुमन मेहरोत्रा और रचना मेहरोत्रा को वृन्दावन सेवा संस्थान के सचिव सुनील कुमार ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका और समाजसेवी डॉ नम्रता ने कहा कि वृद्ध जन हमारे परिवार की शोभा, ज्ञान के भंडार रुपी धरोहर होते हैं। जीवन के विपरीत हालातों में वे हमें अपने जीवन अनुभव का लाभ प्रदान करते हैं! हमारे लिए वह किसी धरोहर से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आजकल की कई संतानें अपने बूढ़े माँ बाप की सेवा या सम्मान का ख्याल नहीं करते है।
जिस कारण उन्हें दर दर की ठोकरे खाने के लिए विवश होना पड़ता हैं। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। घर, परिवार व समाज के संचालन में वृद्धजनों का मार्गदर्शन जीवन के प्रत्येक दु:ख-सुख से सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। ऐसे में वृद्धजनों की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि हम निरंतर जरूरमंद लोगो की मदद करें। वृद्धजनों का हमें सम्मान करना चाहिए।
डॉ नम्रता ने बताया कि वह जल्द ही बिहार की राजधानी पटना में नि:शुल्क वृद्धाश्रम खोलने जा रही है। उन्होंने बताया कि देव्यांश मेहरोत्रा सभी की सेवा के लिये सदैव तत्पर रहते हैं।
वह सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके द्वारा विभिन्न प्रकार की सामाजिक और परोपकार की गतिविधियां की जाती रही है।
देव्यांश मेहरोत्रा ने कहा कि दीदीजी फाउंडेशन की कोशिश रहती है कि जरूरतमंदो के बीच अधिक से अधिक मदद पहुंचायी जा सके। कोई भी जरूरतमंद बेसहारा ठंड के कारण परेशान हो तो तत्काल उसकी सहायता करें। उन्होंने झा कि आज के समय में जरूरतमंद की सेवा करना ही सबसे बड़ा पुनीत कार्य है। हर सक्षम व्यक्ति को जरूरतमंदो की सहायता करती रहनी चाहिए।
रचना मेहरोत्रा ने कहा कि वृद्धों से मिलकर उनके चेहरे पर आत्म संतुष्टि का भाव देख कर मन प्रसन्न हो गया। यहां रह रहे लोगों को सुकून और सुख मिल रहा है। वृद्ध ईश्वर के रूप है, उनमें स्वयं नारायण का वास है। वृद्धजनों की सेवा सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। बुजुर्गों के आशीर्वाद से सभी कष्ट दूर होते हैं।
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