एक सप्ताह में झकास और महाराष्ट्र होटल का लाइसेंस होगा रद्द- डॉ. मोहिते
मुश्ताक खान/ मुंबई। मनपा के नियमों को ताक पर रख कर धारावी में चल रहे झकास (Jhakas) और महाराष्ट्र होटल (Maharashtra Hotel) किसी मायने में सुरक्षित नहीं है। क्योंकि इन दोनों होटलों के पास लाइसेंस का सपोर्टिंग पेपर, फायर ब्रिगेड की परवानगी और रसोईया का मेडिकल सर्टिफिकेट (RTPCR) नहीं हैं। दस्तावेजों के अभाव में अवैध रूप से बने इन दोनों होटलों पर मनपा का शिकंजा कस्ता जा रहा है। क्योंकि लोअर परेल (Lower Parel) के मोजोस बिस्त्रा रेस्टोरेंट या कुर्ला के किनारा होटल जैसा हादसा हुआ तो ग्राहकों को बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन होगा।
इस मुद्दे पर मनपा जी नॉर्थ के वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉ. वीरेंद्र मोहिते ने संवाददाता को बताया की एक सप्ताह के अंदर दोनों होटलों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद बिल्डिंग एन्ड फैक्ट्री विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। बता दें की जगत प्रहरी में प्रकाशित समाचार के बाद अधिकारी हरकत में आये हैं।
एशिया महादेश की सबसे घनी व बड़ी झोपड़पट्टी के नाम से प्रसिद्ध धारावी की बढ़ती समस्याओं का असली जिम्मेदार कौन? मनपा के नियमों से हट कर धारावी में चल रहे झकास और महाराष्ट्र होटल का लाइसेंस कैसे बना? इसका कोई प्रमाण मनपा और होटल मालिक के पास नहीं है।
मौजूदा समय में यहां की समस्याओं को सुलझाने के बजाय उलझने वाले मनपा के बिल्डिंग एन्ड फैक्ट्री, वैद्यकीय आरोग्य और दमकल विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कई समाजसेवक व आरटीआई कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। इससे बौखलाए अधिकारी समाजसेवकों से बात करने से कतराने लगे हैं। क्योंकि इससे मनपा के भ्रष्ठ अधिकारियों की पोल खुलने लगी है। इतना ही नहीं इससे इनकी कमाई में जोर का झटका भी लगा है।
गौरतलब है की आरटीआई से मिली पुख्ता जानकारी के बाद भी मनपा जी नॉर्थ का आरोग्य विभाग और बिल्डिंग एंड फैक्ट्री विभाग के अधिकारी कार्रवाई करने में क्यों आना- कानी कर रहे हैं? कार्रवाई नहीं होने के कारण दोनों विभाग पूरी तरह शक के दायरे में हैं। आखिर ये दोनों विभाग मनपा के नियमानुसार कार्रवाई करने से क्यों डर रहे हैं? कहीं ऐसा तो नहीं की विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में अवैध रूप से धारावी के झकास और महाराष्ट्र होटल को चलाया जा रहा है।
बता दें की सामाजिक कार्यकर्ता ने आवेदन के साथ मनपा के संबंधित विभागों द्वारा आरटीआई (सूचना का अधिकार) की प्रतियों को भी जोड़ा है। ताकि मनपा अधिनियम 1888 कलम 398 (5) के तहत उपरोक्त होटलों का लाईसेंस रद्द किया जा सके। इसके साथ ही झोपड़पट्टी में बिना प्लान के बने आलीशान बिल्डिंगनुमा होटल और उसके ऊपर मैरिज हॉल की भी जांच के दायरे में आता है। ऐसे में अगर दोनों होटल वैध हैं तो मनपा और फायर ब्रिगेड का लाइसेंस नहीं होने के एवज में उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
डॉ. मोहिते के अनुसार मनपा जी नॉर्थ द्वारा झकास और महाराष्ट्र होटल को दो बार नोटिस दिया जा चुका है। उन्होंने बताया की उपरोक्त नोटिस में दोनों होटलों को पांच-पांच दिनों की मोहलत भी दी गई थी। लेकिन होटलों के संचालकों ने मनपा के उक्त नोटिस का जवाब आज तक नहीं दिया। इसके अलावा इन होटलों के पास फायर ब्रिगेड का सर्टिफिकेट भी नहीं है।
इसके बाद भी अवैध रूप से दोनों होटलों का संचालन वर्षों से किया जा रहा है, जो कई सवालों को जन्म देती है। हालांकि इन दोनों होटलों के मुद्दे पर मनपा के आरोग्य अधिकारी डॉ. वीरेंद्र मोहिते ने बुधवार को बताया की एक सप्ताह के अंदर दोनों होटलों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
बता दें की सितंबर 2020 से लगातार चल रहे पत्राचार के बावजूद कोई सुनवाई या जांच नहीं होने से मुबंईकरों में अलग संदेश जाते हैं। अगर यही हाल रहा तो मुंबईकरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली मनपा के अधिकारियों के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अदालत का रूख कर सकते हैं।
इस सबंध में आरटीआई कार्यकर्ता आरिफ अंसारी ने जानकारी के आधार पर मनपा आयुक्त, अतिरिक्त मनपा आयुक्त (शहर) और मनपा के उपायुक्त एफ दक्षिण परिमंडल 2 परेल पूर्व को 18 जून को लिखित पत्र भी दिया है। पत्र में उन्होंने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के नियमानुसार मुंबई महानगरपालिका के अधिनियमों को भी अंकित किया है।
उन्होंने इस पत्र में मनपा (BMC) के अधिकारियों पर आरोप लगाया है की इस तरह धारावी में अधिकांश होटल व रेस्टोरेंट चल रहे हैं। जो महाराष्ट्र सरकार व मनपा के नियमावली से हट कर हैं। धारावी के होटलवालों के पास फायर ब्रिगेड और फूड एंड ड्रग्स विभाग की नियमावली भी होती है। लेकिन यहां तो जियो और जीने दो की राह पर मनपा के अधिकारी चल पड़े हैं। ऐसे में उन्हें गाईड लाईन जाये भाड में…?
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