डीजीपी ने की नक्सल विरोधी अभियान व् न्यायालय की सुरक्षा संबंधित समीक्षा

राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। झारखंड पुलिस मुख्यालय रांची स्थित सभागार में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता की अध्यक्षता में राज्य के सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक, सभी वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नक्सल विरोधी अभियान एवं न्यायालय की सुरक्षा से संबंधित बैठक आयोजित की गयी।

आयोजित बैठक में उग्रवाद के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु व्यापक रूप से समीक्षा की गयी। समीक्षा के क्रम में विगत दिनों में माओवादी/स्पलिंटर ग्रुप्स/अपराधिक गुटों द्वारा राज्य के कुछ जिलों यथा राँची, लातेहार, हजारीबाग, खूँटी एवं चतरा में आगजनी/तोड़फोड़ की कुछ एक घटनाएं कारित की गयी है। उपरोक्त घटनाओं की रोकथाम हेतु कई सख्त निर्देश दिये गये।

जानकारी के अनुसार बैठक में कहा गया कि सभी पुलिस अधीक्षक अपने जिले में पूर्व में घटित ऐसे सभी मामलों की समीक्षा करेंगे एवं पूर्व में घटित घटनाओं में वैसे मामले जिनमें धमकी मिलने की पूर्व सूचना देने के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है, वैसे मामलों में संबंधित जिम्मेदार पदाधिकारियों को चिन्हित करते हुए अविलम्ब पुलिस मुख्यालय को प्रतिवेदन समर्पित करना सुनिश्चित करेंगे।भविष्य में यह भी सुनिश्चित करेंगे कि माओवादी/ स्पलिंटर ग्रुप्स/अपराधिक गुटों द्वारा धमकी से संबंधित जो भी सूचना पीड़ित द्वारा दी जाती है, उसमें प्राथमिकी दर्ज किया जाय।

सभी पुलिस अधीक्षक यह समीक्षा करेंगे कि संबंधित मामलों में दर्ज किये गये काण्डों के अनुसंधानक कौन है? ऐसे कितने मामले हैं, जिनमें काण्ड के अनुसंधानक थाना प्रभारी स्वयं हैं तथा कितने मामले में अन्य कनीय पदाधिकारी को अनुसंधानक बनाया गया है। इस संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन पुलिस मुख्यालय राँची को भेजना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही यह सख्त निर्देश दिया गया कि संबंधित पूर्व में घटित सभी काण्डों का अनुसंधान थाना प्रभारी स्वयं ग्रहण करेंगे।

सभी पुलिस अधीक्षक यह सुश्नश्चित करेंगे कि भविष्य में इस तरह की घटना घटित होने पर काण्ड का अनुसंधानक थाना प्रभारी या पुलिस निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी को ही बनाया जाय। इसका अनुपालन नहीं किये जाने पर संबंधित थाना प्रभारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी एवं संबंधित पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध भी जिम्मेवारी जायेगी।

बैठक में यह निर्देश दिया गया कि विभिन्न काण्डों में माओवादी/स्पलिंटर ग्रुप्स/अपराधिक गुटों के जो भी अभियुक्त फरार हैं, उनके विरूद्ध प्रभावी कुर्की जप्ती की कार्रवाई की जाय। सभी पुलिस अधीक्षक यह समीक्षा करेंगे कि ऐसे कितने मामले में कुर्की जप्ती की कार्रवाई लंबित है।

कुर्की जप्ती की कार्रवाई में विलम्ब के लिए जिम्मेवार पदाधिकारी को चिन्हित करते हुए प्रतिवेदन पुलिस मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित करेंगे। फरार अपराधकर्मी के अचल सम्पति की कुर्की जप्ती की कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया। सभी पुलिस अधीक्षक फिरार अपराधकर्मियों के अचल सम्पति की कुर्की जप्ती की वर्तमान स्थिति के संबंध में समीक्षा करते हुए पुलिस मुख्यालय को प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित करेंगें। सभी पुलिस अधीक्षक अपराध के माध्यम से अर्जित किये गये सम्पत्तियों को चिन्हित कराते हुए उसका डॉक्यूमेंटेशन का कार्य अद्यतन करेंगे।

सभी नक्सल/स्पलिंटर ग्रुप्स के हरेक सदस्य का प्रोफाईल बनाकर सभी पुलिस अधीक्षक “नाउ योर एनमी के आधार पर सदस्यों के प्रोफाईल से अपने अधीनस्थ पदाधिकारी एवं कर्मियों को अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे। भविष्य में महानिदेशक द्वारा क्षेत्र भ्रमण के क्रम में यह जांच किया जायेगा कि फिल्ड में तैनात पदाधिकारियों को अपने क्षेत्र के उग्रवादी तत्वों के सदस्यों के बारे में जानकारी है या नहीं?

इस संबंध में कमी पाये जाने पर संबंधित पदाधिकारी/थाना प्रभारी/पुलिस निरीक्षक/पुलिस उपाधीक्षक के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी तथा संबंधित पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध भी जिम्मेवारी तय की जायेगी। इसके अतिरिक्त महानिदेशक द्वारा उच्च न्यायालय एवं अन्य न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था, साथ ही न्यायाधीशों के अवासीय परिसरों के सुरक्षा व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गयी। यह भी निर्देश दिया गया कि न्यायालय से संबंधित सभी बिन्दुओं पर सुरक्षा के दृष्टीकोण से सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक समय-समय पर निरीक्षण करेंगे।

उक्त बैठक में पुलिस महानिदेशक के अलावा अपर पुलिस महानिदेशक अभियान डॉ संजय आनन्द राव लाठकर, पुलिस महानिरीक्षक राँची अखिलेश झा, पुलिस महानिरीक्षक अभियान अमोल वेनुकांत होमकर, पुलिस महानिरीक्षक विशेष शाखा प्रभात कुमार, पुलिस उप-महानिरीक्षक झारखण्ड जगुआर इन्द्रजीत महथा, पुलिस उप-महानिरीक्षक विशेष शाखा कार्तिक एस. सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे। साथ हीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक एवं सभी वरीय पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया।

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