हरिहरक्षेत्र पंच कोशी परिक्रमा के लिए सारण व् वैशाली के भक्तों ने भेजे दो ट्रैक्टर पुष्प

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में स्वतंत्रता प्राप्ति के अमृत महोत्सव तथा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर आगामी 2 दिसंबर को हरिहरक्षेत्र पंचकोशी परिक्रमा का शुभारंभ होगा।

इस अवसर पर बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों से करीब दो सौ संत शामिल होंगे। हरिहरक्षेत्र सोनपुर की धरती पर संतों का यह समागम अदभुत होगा। इसे लेकर सारण एवं वैशाली जिला से श्रद्धालुओं द्वारा दो ट्रेक्टर पुष्प हरिहरनाथ प्रांगण भेजा गया है।

उत्तर बिहार हिंदू जागरण मंच के प्रदेश संयोजक विनोद कुमार यादव ने 30 नवंबर को हरिहरनाथ मंदिर परिसर में आयोजित तैयारी समिति की समीक्षात्मक बैठक के बाद उपरोक्त जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता हरिहर क्षेत्र जनजागरण मंच के संस्थापक अनिल कुमार सिंह ने की।

इस अवसर पर जनजागरण मंच के संस्थापक सिंह ने कहा कि संपूर्ण भारत में तीर्थ क्षेत्रों के सांस्कृतिक उत्थान के पावन अवसर पर हो रहे अभियानों में से यह भी एक पावन अभियान है। उन्होंने कहा कि हरिहरक्षेत्र के बंद हो चुके पंच कोसी परिक्रमा में देशभर के प्रमुख संतो का आगमन होगा, जिनकी संख्या 200 रहेगी।

जिसमें जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महंत रविशंकर गीरी जी महाराज, हरिहरक्षेत्र के जगतगुरु रामानुजाचार्य लक्ष्मणाचार्य जी महाराज, पूज्य महंत विष्णु दास उदासीन उर्फ मौनी बाबा, जगतगुरु रामानुजाचार्य गुप्तेश्वर पांडे जी महाराज, जनकपुर नेपाल के पूज्य संत प्रभु शरण दास जी महाराज, काठमांडू के पूज्य सौरभ दास जी महाराज, वीरगंज नेपाल के पूज्य बजरंगी दास जी महाराज, आदि।

थीम्पु भूटान के पूज्य संत राम भद्र जी महाराज, हनुमान गढ़ी अयोध्या के पूज्य नागा संत राघवेन्द्र जी महाराज, नागा अखाड़ा हनुमान गढ़ी अध्यक्ष पूज्य विश्व मोहन दास जी महाराज, पूज्य महंत श्रीआचार्य ब्रजेश मूनि जी महाराज फतुहा कबीर मंठ, सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी, पूज्य संत परशुराम जी महाराज झारखंड सहित दो चार सौ संत महात्माओं के साथ तीन चार उनके भक्तों की संख्या रहेगी।

उन्होंने बताया कि पारम्परिक रूप से पवित्र कौनहारा घाट का जल लेकर ऐतिहासिक भगवान राम के चरण चिह्न रामचौड़ा होते हुए बाबा हरिहरनाथ पर जलाभिषेक कर हरिहरनाथ के प्रांगण में संत सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। सम्पूर्ण परिक्रमा मार्ग में 54 स्थानों पर भक्तों के द्वारा संतो के पैर पूजन, पुष्प वर्षा, यात्री के लिए प्रसाद आदि कि व्यवस्था की गई है।

यात्रा को सुगम बनाने के लिए एवं कानून व्यवस्था की दृष्टि से धर्म जागरण के डॉ अवधेश के द्वारा सारण (छपरा( एवं वैशाली (हाजीपुर) के जिलाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक,अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा हाजीपुर एवं सोनपुर के थाना पदाधिकारी को पूर्व सूचना दी गई है। जिसमें सभी भक्त 5 मिनट की अवधि में पुरानी गंडक पुल को पार करते हुए हाजीपुर पहुंचेंगे।

ज्ञात हो कि, इस कार्यक्रम की तैयारी पांच महीना पूर्व से चल रही है। जिसमें कार्यक्रमों का पर्चा, पोस्टर, फ्लैक्स एवं समाचार पत्रों के माध्यम से जन जन को इस ऐतिहासिक परिक्रमा से जोड़ा जा सका है। बताया जाता है कार्यक्रम श्रीहरिहर नाथ मंदिर के द्वार से प्रातः 7 बजे से चलकर हाजीपुर के रमचौड़ा मंदिर होते हुए कोनहारा घाट के संगम स्थल से जल लेकर पुनः हरिहरनाथ मंदिर पर समापन होगा।

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