गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला में दो लोकसभा क्षेत्र है। हाजीपुर सुरक्षित तथा वैशाली लोकसभा चुनाव क्षेत्र।
हाजीपुर लोकसभा सीट से महागठबंधन की ओर से राजद के पूर्व मंत्री और विधायक शिवचंद्र राम तथा एनडीए प्रत्याशी रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान के बीच चुनाव में जीत के लिए हर तरह के जातीय गोलबंदी का प्रयास किया जा रहा है।
महागठबंधन के साथ मुस्लिम और यादव समुदाय के अलावा रविदास समुदाय जिससे उनके प्रत्यासी आते हैं के समर्थक एकत्रित हैं तो वहीं एनडीए के साथ पासवान समाज के साथ ही अन्य जातियों के समर्थक जुड़े रहे हैं। लेकिन इस बार एनडीए के कट्टर समर्थक भूमिहार और कुशवाहा समाज को तोड़ने के लिए राजद सुप्रीमो तेजस्वी यादव एक रणनीति के तहत काम कर रहे हैं।
महागठबंधन से वैशाली लोकसभा क्षेत्र से बाहुबली मुन्ना शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया है। मुजफ्फरपुर से वैशाली जिला के ही अजय निषाद जो मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद रहे हैं, जो टिकट नहीं मिलने की वजह से भाजपा छोड़ महागठबंधन ने उन्हें मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। साथ ही उजियारपुर क्षेत्र से वैशाली जिले के ही आलोक मेहता जो कुशवाहा समाज से आते हैं को महा गठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है।
इस तरह आरजेडी नेता तेजस्वी यादव हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के भूमिहार, मल्लाह और कुशवाहा समाज के वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए उक्त जाति को उम्मीदवार बनाया है।
बीते दिनों हाजीपुर के कुशवाहा आश्रम में कुशवाहा समाज की एक बैठक हुई, जिसमें महागठबंधन के उम्मीदवार को विजय बनाने का संकल्प लिया गया।
वैशाली क्षेत्र के महागठबंधन के उम्मीदवार मुन्ना शुक्ला हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में भूमिहारों का मत महागठबंधन के उम्मीदवार में पक्ष में दिलाने का काफी प्रयास कर रहे हैं। मुन्ना शुक्ला वैशाली जिला के हद में लालगंज, वैशाली और हाजीपुर के भूमिहार बहुल गांव में महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं।
बीते 11 मई को हाजीपुर के सेंदुआरी गांव में भूमिहारों की एक सभा आयोजित की गयी थी, जिसमें मुन्ना शुक्ला के अलावे वीणा शाही, साथ ही हाजीपुर और लालगंज क्षेत्र के काफी संख्या में भूमिहार समाज के सामाजिक कार्यकर्ता एकत्रित हुए।
उक्त बैठक में महागठबंधन को अपना समर्थन देने का संकल्प लिया गया। देखना है कि हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुशवाहा और भूमिहार समाज के वोटरों में महागठबंधन कितना तोड़फोड़ करता है। अगर इसमें सफल हो गए तो लड़ाई कांटे की होगी और ऊंट किसी भी करवट जा सकता है।
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