जल संचयन के महत्व से लोगों को करायें रूबरू-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री (Deoghar district deputy commissioner Manjunath bhajantri) की अध्यक्षता में 9 फरवरी को नेहरू युवा केन्द्र के अधिकारियों व सदस्यों के साथ जल शक्ति अभियान के तहत *Catch the Rain* कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। इस दौरान उपायुक्त ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा तैयार किए जल संचयन को लेकर इससे जुड़े जागरूकता संबंधित बैनर-पोस्टर का अनावरण किया, ताकि लोगों को जल के महत्व के प्रति जागरूक किया जा सके।
बैठक के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए कहा कि जल के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पानी का संरक्षण जरूरी है। इस हेतु वर्षा जल संचयन करना सबसे आसान व कारगर तरीका माना जाता है। ऐसे में आवश्यक है कि आपसी समन्वय के साथ आप सभी पहले चरण के तहत मार्च तक जिले के लोगों को जल की एक-एक बूंद के महत्व के प्रति जागरूक करें। साथ हीं स्वयंसेवी घर-घर जाकर जल संरक्षण व जल को प्रदूषित होने से रोकने से जुड़ी जानकारियों से लोगों को अवगत करायें।
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण वर्तमान में हम सभी को मिलकर पुराने जलस्त्रोतों, तालाबों के रखरखाव, साफ सफाई के बारे में भी जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि घटते जल स्त्रोतों को बचाया जा सके। बैठक के दौरान उपायुक्त ने नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवियों से अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने स्तर से वे अपने-अपने प्रखंडों में एक तालाब चिन्ह्ति कर उसका जिर्णोद्धार करना सुनिश्चित करें। इस संबंध में जो भी आवश्यक सहयोग होगा जिला प्रशासन द्वारा सभी को मुहैया कराया जायेगा।
बैठक के दौरान उपायुक्त भजंत्री ने नेहरू युवा केन्द्र के स्वयं सेवकों को नरेगा के तहत ट्रेंच कम बांड (गढढे और बांध) पद्धति से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयन करने की विधि से अवगत कराया। इस संबंध में किये जाने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारी सभी को उपायुक्त द्वारा दी गयी, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से वर्षा जल संचयन अपने खेतों में कर सकें। उपायुक्त ने कहा कि जल संरक्षण वर्तमान समय की मांग ही नहीं जरूरत भी है। अगर हमने इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया, तो वह दिन दूर नहीं जब हमें पीने का पानी भी बड़ी मुश्किल से मिलेगा। जल के बहुत से स्रोतों में से वर्षा जल एक मुख्य स्त्रोत है। इसके संरक्षण को वर्षा जल संचयन कहा जाता है। वर्षा जल संचयन को ही वर्षा जल संग्रहण या रेन वाटर हार्वेस्टिंग कहा जाता है। वर्षा जल संचयन एक सरल तकनीक है जो कि बहुत लाभकारी है। इसमें बहुत कम लागत लगती है। वर्षा जल का अधिक से अधिक संचयन करके ही हम जल की समस्या से निजात पा सकते हैं।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने इस अभियान के तहत जल संचयन संरचनाओं के निर्माण हेतु आमजन को जागरूक एवं प्रेरित करने के उदेश्य से शैक्षिक और प्रेरणादायक कार्यक्रम कर जन जागरूकता अभियान, दीवार लेखन, बैनर एवं ई-बैनर, शपथ ग्रहण कार्यक्रम स्लोगन प्रतियोगिता आदि का आयोजन करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी अभियान के माध्यम से सुनिश्चित करने की अपील की, ताकि आमजनों के बीच जल के महत्व को व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित किया जा सके। इसके अलावे बैठक के दौरान उपायुक्त भजंत्री ने नेहरू युवा केन्द्र के जिला युवा अधिकारी अभिषेक मंडल को निदेशित किया कि राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा जारी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत अनुपालन करते हुए बेहतर कार्य योजना बनायें व चिन्ह्ति मधुपुर व पालोजोरी प्रखंडों में बेहतर तरीके से कार्य करें और जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण, सोख्ता का निर्माण, चेकडैम का निर्माण करने हेतु आमजन को प्रेरित करें। साथ हीं पारंपरिक जल संचयन संरचना कुंआ, तालाब, पोखर आदि की साफ-सफाई तथा जीर्णोंद्धार कराने की दिशा में कारगर कदम उठायें, ताकि लोगों को सही मायने में जागरूक किया जा सके।
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