एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जमा राशि के भुगतान समस्या को लेकर सहारा के जमकर्ताओं एवं निवेशकों की एक बैठक 13 सितंबर को बोकारो जिला के हद में फुसरो कार्यालय में किया गया। अध्यक्षता सतीश चंद्रा तथा संचालन संयुक्त रूप से राकेश कुमार रोशन तथा गणेश कुमार वर्णवाल ने की।
संयुक्त ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के समर्थन में आयोजित उक्त बैठक में फूसरो, नावाडीह, मकोली, करगली, तूपकाडीह, करगली, जरिडीह बाजार, कथारा आदि क्षेत्रों से आये बड़ी संख्या में क्षेत्र के निवेशक व् जमाकर्ता शामिल हुए।
बैठक में उपस्थित क्षेत्र के समाजसेवी व् जमाकर्ता कृष्ण कुमार ने कहा कि सहारा द्वारा लगातार कई वर्षो से जमाकर्ताओ के जमाराशि की परिपक्वता के बाद भी भुगतान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अब हम सब को हांथ पर हांथ धरे रहने से समस्या समाधान संभव नहीं है, इसलिए हम सबों को मिलकर आंदोलन तेज करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जमाकर्ताओ के भुगतान को लेकर एक तो सहारा द्वारा लगातार गलत बयानबाजी करती रही है दूसरे पुरा सरकारी तंत्र की शिथिल सोंच समझ से परे है। जिसके कारण कई लोगों ने इलाज के अभाव में बीमारी के कारण मौत की आगोश में समा गये। कई बच्चियों का विवाह टूट गया।
और तो और कई निवेशकों ने पैसे के अभाव एवं भुगतान समस्या के कारण आत्महत्या तक कर लिया है। ऐसे में सरकार को इस मामले में त्वरित पहल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि इस मामले को गंभीरता से नहीं लेगी तो उसे जनता का कोपभाजन बनना पड़ेगा।
बैठक में सहारा कर्मी सतीश चंद्रा, राकेश कुमार रोशन, चंद्रशेखर सिंह, गणेश कुमार वर्णवाल सहित दर्जनभर कार्यकर्ता एवं जमाकर्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए लगातार आंदोलन करने पर बल दिया।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्र के फुसरो, कथारा, गोमियां, मकोली, नावाडीह, तूपकाडीह, अंगवाली, करगली, जरिडीह बाजार, गोबिंदपुर आदि शाखाओं पर जमाकर्ताओ का 300 करोड़ से अधिक परिपक्वता राशि का भुगतान सहारा द्वारा नहीं किया गया है।
बैठक में उपरोक्त के अलावा अनिल कुमार भदानी, विनय कुमार पासवान, अमरेंद्र कुमार, अभय कुमार सिंह, बीरेंद्र राय, अनंत कुमार सिंह, रेखा देवी, सुरज प्रसाद, रवि शंकर तिवारी, रंजन कुमार त्रिपाठी, सुनील रविदास, दीपक कुमार वर्णवाल, दीपक कुमार, उदय कांत साव, बिजय कुमार, कैलाश नोनिया, अनिल कुमार विश्वकर्मा, सुनील कुमार, नरेश कुमार, संजय चटर्जी आदि उपस्थित थे।
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