तेनुघाट – आन्दोलनरत किसान संगठनों के आह्वान पर अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट के सामने में किसानो ने एक दिवसीय उपवास के साथ धरना दिया। उपवास पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद (Iftekhar mehmood )ने कहा कि अगर आंदोलन नहीं होता तो देश आजाद नहीं होती, झारखंड (Jharkhand) अलग राज्य का गठन नहीं होता, संसद में लोकपाल बिल नहीं आता और भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में मोदी सरकार द्वारा लाए गए संशोधन बिल वापस नहीं होता। श्री महमूद ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जब सरकार सिर्फ और सिर्फ कारपोरेट घरानों के हितों के लिए काम करने लगती है तो सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए जनता के पास एकमात्र हथियार आंदोलन है। भाकपा नेता ने कहा कि किसान आंदोलन देशव्यापी रूप धारण कर लिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाया गया किसान और उपभोक्ता विरोधीन तीनों कृषि कानून, 2016 में लॉन्च किया गया रिलायंस कंपनी का 4G जिओ सेवा ऐसा है जिसे मुफ्त में उपभोक्ताओं को दिया गया और अब मोटी रकम उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा है।
अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंचानन महतो, जिला अध्यक्ष गणेश महतो, किसान सभा के गोमियां के संयोजक देवानंद प्रजापति, मौजीलाल महतो, भाकपा नेता शाहजहां, अनवर रफी, सोमर मांझी, उर्मिला देवी, खुर्शीद आलम ने भी सभा को सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता आदिवासी महासभा के जिला अध्यक्ष महेन्द्र मुंडा ने किया।
उपवास में बैठे किसान बद्री मुण्डा, धनेश्वर रविदास, बुधन मांझी, राजकुमार मुण्डा, सुरेश प्रजापति, नकुल मांझी, अपुर मरांडी, रवि हेम्ब्रम, नकुल मांझी, गंगाराम मांझी, सुरेन्द्र किस्कु, अपुर ज्ञमरांडी, तालों देवी, सावित्री देवी, असुमूनी कुमारी, सुरती देवी, ममता कुमारी, उर्मिला देवी, सुखमणि कुमारी, पिंकी कुमारी, उमाचरण रजवार, महेन्द्र मुंडा, कानून राम बंसल, जितु सिंह, खुर्शीद आलम आदि मौजूद थे।
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