एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। दसियों साल का वर्षा का रिकॉर्ड इस साल टूट गया है। खेत- गाँव से लेकर मुहल्ला-नगर ही नहीं बल्कि सड़क, सरकारी कार्यालय तक जलमग्न है।
किसानों की लहलहाती सब्जी, फसल को जल जमाव लील गई है। समस्तीपुर जिला (Samastipur district) में आम-आवाम के भोजन से लेकर पशुचारे का धोर आभाव है। अधिकांश खेतों में सब्जी के ढ़ाठ खड़े हैं, तो कुछ खेतों में सूखे फसलों के डंठल चीख-चीखकर वर्षा से बर्बादी की दास्ताँ बयां कर रही है।
बाबजूद इसके प्रखंड कृषि पदाधिकारियों द्वारा अधिकांश प्रखंड में फसल क्षति का शून्य रिपोर्ट भेज दिया गया है। इससे किसानों को मिलने वाली फसल क्षति मुआवजा का रास्ता बंद हो गया है।
अगली फसल लगाने के लिए खाद- बीज के पैसे का किसानों के पास अभाव है, जबकि केसीसी लोन वाले किसानों को अदालत के माध्यम से बैंक नोटीस दिलाकर आदालत का चक्कर लगाने को मजबूर करने की कोशिश की जा रही है।
इसके खिलाफ आगामी 13 सितंबर को समस्तीपुर शहर के मालगोदाम चौक स्थित माले कार्यालय से जुलूस निकालकर समाहरणालय पर किसनों द्वारा प्रदर्शन, सभा किया जाएगा।
शहर के मालगोदाम चौक स्थित भाकपा माले कार्यालय में बीते 29 अगस्त को देर शाम संपन्न जिला भाकपा माले जिला कमिटी की बैठक में उक्त आशय का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव प्रो उमेश कुमार ने की। बतौर पर्यवेक्षक पोलिट ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी कॉमरेड धीरेंद्र झा मौजूद थे।
इस अवसर पर जीबछ पासवान, हरिकांत झा, महावीर पोद्दार, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, बंदना सिंह, रामचंद्र प्रधान, सत्यनारायण महतो, अमित कुमार, दिनेश कुमार, मंजू प्रकाश, अजय कुमार, आशिफ होदा, राज कुमार चौधरी, फूल बाबू सिंह, फूलेंद्र प्रसाद सिंह, उपेंद्र राय, प्रमिला राय, मनीषा कुमारी आदि ने बैठक में भाग लेकर अपने- अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक के पर्यवेक्षक कॉ धीरेंद्र झा ने कहा कि भाकपा माले अन्नदाता की बेहतरी चाहती है। किसानों का भी “जय किसान” का नारा चरितार्थ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाकपा माले देश में बड़े किसान आंदोलन की हितैषी रही है। किसानों के हरेक आंदोलन को भाकपा माले सक्रिय समर्थन करेगी।
255 total views, 1 views today