आगामी 16 फरवरी के महासम्मेलन मे होगा भीष्ण संघर्ष का शंखनाद-राजेंद्र सिंह
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र धमन भट्ठी विभाग के मजदूरों ने प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीतियो के खिलाफ 18 जनवरी को विशाल प्रदर्शन किया। प्रदर्शन ब्लास्ट फर्नेस क्रमांक तीन से रैली के रूप मे शुरू हुई और मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय धमन भट्ठी पर सभा मे तब्दील हो गई।
प्रदर्शन व् सभा का नेतृत्व संघ के महामन्त्री सह-सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह कर रहे थे। मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि प्रबंधन के कुकृत्यो से मजदूरो का आक्रोश चरम पर है। उन्होंने कहा कि बीते 39 माह के बकाये एरियर पर प्रबंधन द्वारा लगातार टाल मटोल से साफ-साफ साबित होता है कि उत्पादन के लिए जान की बाजी लगाने वाले मजदूरो के प्रति सेल प्रबंधन के शीर्ष अधिकारियों के हृदय में कितनी घृणित की भावना है।
इन्सेंटिव रिवॉर्ड के वर्षो पुरानी घिसी-पीटी व्यवस्था कहीं न कहीं अंग्रेजी शासन की निरंकुशता को चरितार्थ करता है। दूसरी ओर ठेका मजदूरो की जिन्दगी तो और भी बदत्तर है।
उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरो के शोषण के लिये तानाशाह प्रबंधन नित् नये-नये प्रयोग करने से बाज नहीं आती है। ठेका मजदूरो के मेडिकल चेकअप में अराजकता इनके इसी प्रयोग का नतीजा है।
कहा कि मेडिकल चेकअप से हमे कतई परहेज नही है, मगर चेकअप कैसे, कितने और किस समयान्तर में होगा, इनको खुद हीं पता नहीं है।मेडिकल चेकअप के ढुलमुल नीतियो के वजह से ना सिर्फ मजदूर काम से बाहर हो रहे हैं, अपितु संयंत्र भी मेन पावर की कमी से भारी नुकसान की ओर अग्रसर है।
एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि आज ठेका मजदूर सीधे-सीधे उत्पादन का काम कर रहें है, मगर बदले मे मिलता है तो सिर्फ झारखंड सरकार का भवन निर्माण का मिनिमम वेज।
झारखंड सरकार के नियमावली मे कारखाना का मिनिमम वेज है ही नही। फिर भी हमे मिनिमम वेज के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। ना नाइट शिफ्ट एलाउंस, ना ग्रेच्युटी, ना अन्य किसी प्रकार का भत्ता। हम साफ-साफ प्रबंधन को बता देना चाहते है कि हम मिनिमम नहीं फेयर और सम्मानजनक वेज छाती पर चढ़कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि एडब्ल्यूए का ईएसआईसी तो काटा जाता है, मगर मजदूरो को आर्थिक लाभ से वंचित रखने के लिए इस राशि को मिनिमम वेज से नहीं जोड़ा जा रहा है। जो मजदूर साथी ईएसआईसी की सीमा से बाहर हो चुके हैं उनके और उनके आश्रितो का ईलाज या तो बीजीएच मे कराया जाय या मजदूरो का परिवार सहित कम से कम पाँच लाख रूपये का हेल्थ इंश्योरेंस कर ईलाज का उत्तम व्यवस्था अविलम्ब किया जाय।
अन्त में सिंह ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी 16 फरवरी को युनियन का महासम्मेलन होने जा रहा है। हम प्रबंधन को 16 फरवरी तक का समय देते है। अगर तबतक प्रबंधन कुम्भकरणी निन्द्रा का त्याग कर अपनी नीतियो मे सुधार नहीं करते है तो 16 फरवरी को मजदूरो के महापंचायत मे आर-पार की भीष्ण लड़ाई का शंखनाद होगा।
प्रदर्शन को सिंह के अलावे शशिभूषण, विपिन कुमार सिंह, अम्बेडकर, चन्द्र प्रकाश, मनोज ठाकुर, एस के सिंह, विजय, अविनाश कुमार, प्रेम पांडेय, बासुदेव कुम्भकार, उत्तम कुमार मिश्रा, अरूण भगत, प्रमोद कुमार आदि ने संबोधित किया।
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