सांसद के निर्देश पर संयुक्त यूनियनों द्वारा मांगों को लेकर सेल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन

आंदोलन में 300 से अधिक आंदोलनकारी का सेल गेट पर जोरदार प्रदर्शन

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा के निर्देश में 4 जनवरी को दूसरे दिन संयुक्त यूनियनों, मुंडा मानकी, सेलकर्मी, सप्लाई कर्मी, ठेका मजदूर, गुवा के दुकानदार तथा ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा गुवा सेल के जेनरल ऑफिस के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया गया।

जानकारी के अनुसार स्थानीय को बहाली एवं दूसरे राज्यों से आए 18 नव नियुक्त अभ्यार्थियों की अविलंब बहाली को निरस्त करने की मांग को लेकर गुवा सेल के जेनरल ऑफिस समक्ष प्रदर्शन किया गया। सेल प्रबंधन ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पहले से हीं सीआईएसएफ जवान तथा झारखंड पुलिस को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे।

इस आंदोलन को लेकर किरीबुरु के इंस्पेक्टर बिरेंद्र एक्का भी गुवा सेल जेनरल ऑफिस पहुंच मोर्चा को संभाले थे। ज्ञात हो कि बीते 3 जनवरी को दूसरे राज्य से 18 नव नियुक्त अभ्यर्थी को सेल प्रबंधन द्वारा गुवा सेल में जॉइनिंग दी गई। यहां के स्थानीय युवा बेरोजगारों को सेल प्रबंधन नौकरी ना देकर दरकिनार कर दिया गया।

संयुक्त यूनियनों में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन इंटक के क्षेत्रीय महामंत्री दुचा टोप्पो, सारंडा मजदूर यूनियन महामंत्री राजकुमार झा, झारखंड मुक्ति मोर्चा यूनियन अध्यक्ष पंचम जॉर्ज सोय, सीटू के अध्यक्ष मनोज मुखर्जी, सप्लाई मजदूर संघ के अध्यक्ष राजेश कोड़ा ने अपनी मांगों को लेकर गुवा सेल प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा।

सबो ने मांग पत्र में कहा कि गुवा खदान आदिवासी बहुल क्षेत्र सारंडा जंगलों के बीच बसा है। यहां के स्थानीय रहिवासी राष्ट्रहित एवं उद्योगहित के लिए अपनी कृषि युक्त भूमि का त्याग कर स्वयं बेरोजगारी के कगार पर खड़े हैं। स्थानीय एवं आसपास के ग्रामीण बेरोजगारों के लिए रोजगार का एकमात्र विकल्प गुवा खदान ही है।
कहा गया कि गुवा सेल प्रबंधन बाहरी युवकों का नियुक्ति कर यहां के स्थानीय बेरोजगार युवकों के अधिकारों का हनन कर रही है।

अगर सेल प्रबंधन बाहरी युवकों की बहाली को निरस्त नहीं करता है तो आंदोलन को जारी रखते हुए सांसद गीता कोड़ा के निर्देशन में बैठकर आगे की रणनीति बनाते हुए और भी कड़ा रूप अख्तियार की जाएगी। दूसरे दिन आंदोलन में 300 की संख्या में सेलकर्मी, ग्रामीण, मुंडा मानकी, सप्लाई मजदूर, ठेका श्रमिक, दुकानदार तथा ग्रामीण शामिल थे।

आंदोलन करने वालों में मुख्य रूप से श्रमिक नेता रामा पांडेय, अंतर्यामी महाकुड, किशोर सिंह, संजू गोच्छाईत, चंद्रिका खंडाईत, आरती होरो, राकेश यादव, रितेश पाणिग्राही, साधना सिंह, राजकुमार झा, कुल बहादुर, दुचा टोप्पो, पंचम जॉर्ज सोय, नरेश दास, नाजीर खान, नोवामुंडी भाग एक जिला परिषद सदस्य देवकी कुमारी, पश्चिमी पंचायत मुखिया पद्मिनी लागुरी, पंचायत समिति सदस्य भादो टोप्पो, मनोज मुखर्जी, जयसिंह नायक सहित बड़ी संख्या में संयुक्त यूनियन के पदाधिकारीगण शामिल थे।

 

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