बिहार विधान सभा में पीआर कॉलेज सोनपुर को फिर से खुलवाने की उठी मांग

सोनपुर के आरजेडी विधायक ने कॉलेज को लेकर सदन में की आवाज बुलंद

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। बिहार विधान सभा में 24 मार्च को सारण जिला के हद में रेल मंडल सोनपुर द्वारा बंद कराये गये पीआर कॉलेज सोनपुर को पुनः खोलने की मांग की गयी। सोनपुर के आरजेडी विधायक डॉ रामानुज प्रसाद ने महाविद्यालय को फिर से खुलवाने के लिए सदन के माध्यम से सरकार से मांग की।

जानकारी के अनुसार विधायक डॉ रामानुज प्रसाद ने सदन को बताया कि पिछले वर्ष 19 दिसंबर 2024 को जब प्रथम बार रेलवे भू-सम्पदा अधिकारी द्वारा पूर्वोत्तर महाविद्यालय के भवन एवं भूमि को खाली करने का आदेश दिया गया था, तब उन्होंने पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक हाजीपुर और सोनपुर के मंडल रेल प्रबंधक से बात कर इस आदेश को रुकवा दिया था।

दूसरी बार जब प्रशासन फिर से महाविद्यालय को खाली कराने पहुंची तो उन्होंने सारण के जिला पदाधिकारी से बात कर रुकवाया। अब जब तीसरी बार महाविद्यालय को रेलवे प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है तो उन्होंने महाविद्यालय को फिर से खुलवाने के लिए सदन के माध्यम से सरकार से मांग कर रहे है।

बताया जाता है कि आज से 47 वर्ष पूर्व 21 अक्टूबर 1978 को देश के तत्कालीन रेल मंत्री प्रो. मधु दंडवते ने सोनपुर में पूर्वोत्तर रेलवे महाविद्यालय का उद्घाटन किया था। वर्ष 1982 तक सोनपुर रेल प्रशासन की देखरेख में ही यह कॉलेज संचालित होता रहा। चार वर्षों तक रेलवे के नियंत्रण में ही इस कॉलेज में पठन-पाठन का सिलसिला चला। भूमि दाता के रूप में मंडल रेल प्रबंधक ही इस कॉलेज समिति के अध्यक्ष हुआ करते थे। सात सदस्यीय कमिटी हुआ करती थी। शुरुआती दौर में यह इंटर कॉलेज हुआ करता था, बाद में यह डिग्री कालेज में परिवर्तित हो गया।

दो लाख की जनसंख्या वाले इस क्षेत्र का यह इकलौता वित्त रहित डिग्री कॉलेज है जो जेपी यूनिवर्सिटी छपरा से संबद्ध है। वर्तमान में इस कॉलेज में लगभग 82 शिक्षक -शिक्षकेतर कर्मचारी हैं। अनुदान के रुप में किसी को पांच हजार तो किसी को दस हजार प्राप्त होता है। जब नीतीश कुमार, रामविलास पासवान तथा लालू प्रसाद रेल मंत्री हुआ करते थे, तब इस कॉलेज के टेक ओवर के लिए हर संभव प्रयास किया गया।

बावजूद इसके इस कॉलेज को रेलवे ने अपने हाथों में नहीं लिया। जबकि सिकंदराबाद स्थित एक कॉलेज को रेलवे पूर्णतः अपने स्तर से चलाती है। कहते हैं कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास और रेल मंत्री मधु दंडवते के बीच मित्रता थी। तत्कालीन मंडल अधीक्षक राधे श्याम प्रसाद केडिया भी जन भावनाओं का आदर करते हुए चाहते थे कि यहां एक कॉलेज रेल कैंपस में स्थापित हो।

परिणाम स्वरूप लंबे समय से खाली पड़े ब्रिटिश राज में स्थापित नाच घर या गिरजाघर को रेल प्रशासन ने पीआर कॉलेज के लिए डोनेट कर दिया। अब लंबी अवधि के बाद रेल प्रशासन ने पूर्वोत्तर रेलवे महाविद्यालय सोनपुर को खाली कराने की कार्यवाही को विधि सम्मत बताते हुए कहा जा रहा है कि यह महाविद्यालय रेलवे स्टेशन से सटे उत्तर दिशा में रेलवे की स्वामित्व वाली भूमि एवं परिसर में वर्ष 1978 से बिना किसी समझौते के अनाधिकृत रूप से संचालित किया जा रहा था।

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