घटला गांव में बंद पड़ी परियोजनाओं को मिलेगी गति – आशीष गडकरी
मुश्ताक खान/मुंबई। विकास के नाम पर शहर व उप नगरों में चल रही लूट के कारण करीब दो दशकों से लंबित एसआरए परियोजनाओं की विभिन्न फाइलें धूल चाट रहीं हैं। चेंबूर के घटला परिसर में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है, मुंबई में अपने सपनों का आशियाना के इंतजार में अनेक सोसायटी के लोग भगवान को प्यारे हो चुके हैं।
इसके बाद भी घोटालेबाज विकासकों के भंवर विभिन्न एसआरए परियोजनाएं अधर में लटकी हैं, जिसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। इस मुद्दे को लेकर विभिन्न परियोजनाओं के हताश लोगों ने झेब्रा फाउंडेशन के अध्यक्ष आशीष गडकरी से मुलाकात की और मदद की गुहार लगाई है। हताश लोगों को आशीष गडकरी ने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर वे उनके साथ हैं।
झेब्रा फाउंडेशन के अध्यक्ष आशीष गडकरी के अनुसार चेंबूर के घटला गांव में दशकों से बंद पड़ी एसआरए की विभिन्न परियोजनाएं हैं, और संबंधित विकासक के ढुल – मुल रवैये के कारण इन परियोजनाओं ठंढे बास्ते में दाल दिया गया है। जिसके कारण झोपड़ावासी (Slum dwellers) निराश हो गए हैं। दशकों से बंद पड़े एसआरए के परियोजनाओं को फिर से गति देने के लिए झेब्रा फाउंडेशन ने हजारों झोपड़धारकों को उनके हक का घर दिलाने के लिए मैदान में उतर गए हैं।
इसके तहत संस्था के अध्यक्ष आशीष गडकरी के नेतृत्व में बांद्रा पूर्व स्थित एसआरए कार्यालय (SRA Office) के सामने जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया। ताकि लंबित एसआरए की परियोजना को पटरी पर लाया जा सके। आशीष गडकरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसआरए के सीईओ सतीश लोखंडे से मुलाकात की, और अपनी मांगों को रखा।
प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद सीईओ सतीश लोखंडे ने आश्वासन दिया है कि रुकी हुई परियोजनाओं का मामला जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा। इस प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष आशीष गडकरी, उपाध्यक्ष योगेश पाटिल, शैलेश पांचाल, अशोक अनुसे सहित घाटला गांव की कई सोसायटियों के पदाधिकारी मौजूद थे।
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