जानलेवा है धारावी से सायन आने जाने की पगडंडी
मुश्ताक खान/मुंबई। निर्माणाधीन सायन -धारावी पुल परियोजना में देरी और सुस्त रवैया को लेकर स्थानीय कांग्रेसी विधायक डॉ. ज्योति एकनाथ गायकवाड, शिवसेना के स्थानीय सांसद अनिल देसाई और कांग्रेस सांसद प्रो. वर्षा गायकवाड ने मध्य रेलवे के कार्यों को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं जनहित के मद्देनजर शनिवार दोपहर यानि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या सायन -धारावी पुल परियोजना को लेकर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने विधायक और सांसद के नेत्रित्व में मोर्चा निकला।
चूंकि सायन -धारावी पुल के टूटने के बाद, करीब 6 महीनों से नागरिकों, खास तौर पर महिला एवं स्कूली छात्रों को जान जोखिम में डालकर संकरे पगडंडी से आना -जाना पड़ता है। ऐसे में महानगर मुंबई के सबसे व्यस्त सायन हॉस्पिटल जाने वाले मरीजों की परेशानियों में भी इजाफा हुआ है। क्योंकि अब मरीजों को लंबी दुरी और भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। इन सब के बावजूद मध्य रेलवे अपने कछुए की चाल चल रही है।
महज 53 मीटर के सायन – धारावी पुल के निर्माण में ढिलाई
गौरतलब है कि 50 करोड़ की लागत से बनने वाले 53 मीटर का सायन – धारावी का निर्माणाधीन पुल परियोजना का काम पिछले 6 महीनों से सुस्त चाल में चल रहा है। कयास लगाया जा रहा है कि अगर इसी गति से चलता रहा तो इसे बनने में और दो साल लग सकते हैं। सायन को धारावी से जोड़ने वाला मध्य रेलवे का निर्तमाणाधीन पुल अब महिला एवं देश का भविष्य कहलाने वाले स्कूली छात्रों के लिए जानलेवा साबित होने लगा है। वर्ष 2020 में आई आई टी बॉम्बे द्वारा तरीबन 53 मीटर के इस पुल को जर्जर घोषित किया गया था।
लेकिन उक्त पुल को अगस्त 2024 में धवस्त किया गया। मौजूदा समय में इस पुल को लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं, इनमें सबसे अहम यह कि ठेकेदार को लाभ पहुंचने के लिए मध्य रेलवे के संबंधित अभियंता सायन को धारावी से जोड़ने वाली इस पुल के काम को लंबा खींचना चाहते हैं। ताकि लागत बढ़ने से उनका कमीशन भी बढ़े। वहीं सायन – धारावी को जोड़ने वाले मध्य रेलवे के निर्तमाणाधीन पुल को लेकर जनसमस्याओं में तेजी से इजाफा होता जा रहा है। इसका मूल करण हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज आदि को माना जा रहा है।
पैदल यात्रियों के लिए जोखिम भरा है संकरी पगडंडी
बताया जाता है कि हाल के दिनों में सायन से धारावी या धारावी से सायन पैदल आना जाना अपनी जान जोखिम में डालने जैसा है, बावजूद इसके इस संकरी पगडंडी पर प्रति दिन, सैकड़ों पैदल यात्री आने जाने को मजबूर हैं। जबकि स्कूली छात्रों को अपने अभिभावकों के साथ या तन्हा स्कूल जाने के लिए खतरनाक पगडंडी से हर रोज गुज़रना पड़ता है।
इस मोर्चा में आए सोनू शाह ने बताया कि इस पुल को बंद करने से पहले पैदल यात्रियों और यातायात के लिए उचित वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, जिसके कारण धाराविकारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर सरकार को बार-बार चेतावनी और अपील के बावजूद, इन चिंताओं को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया गया। जिसके कारण परियोजना में ढिलाई देखी जा रही है, इससे मुंबईकरों के दैनिक संघर्षों में और इजाफा हो रहा है ।
सांसद ने रेलवे के अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
मुंबई कांग्रेस अध्यक्षा व सांसद प्रो. वर्षा गायकवाड ने सरकार की उदासीनता की निंदा करते हुए सायन रेलवे स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने रेलवे के अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि पुल निर्माण कार्य में तेज़ी लाई जाए। अगर ऐसा नहीं हुईं तो हम अपना आंदोलन तेज करने को मजबूर होंगे। इस मौके पर पार्टी के जिला अध्यक्ष हुकुमराज मेहता और मिडिया समन्वयक प्रभारी सोनू शाह आदि गणमान्य मौजूद थे।
Tegs: #Delay-in-project-due-to-the-benefit-of-benefiting-central-railway-contractor
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