बच्चों का सर्वांगीण विकास ही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य-उषा राय
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में विगत छह माह से सेवारत बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्राचार्या उषा राय द्वारा विद्यालय के विकास के लिए सतत प्रयास जारी है। वे प्रारंभ से ही डीएवी संस्था में अध्यनरत बच्चों के बेहतर शिक्षण के प्रति कृत संकल्पित रही है।
इस संबंध में डीएवी गुवा की प्राचार्या राय ने 31 दिसंबर को एक भेंट में बताया कि डीएवी विद्यालय स्वामी दयानंद के सिद्धांतों पर चल रहा है। कहा कि आज पूरे देश में डीएवी संस्था शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी योगदान प्रदान कर रहा है। बेहतर शिक्षण प्रक्रिया के कारण डीएवी सीएमसी नई दिल्ली मुख्यालय द्वारा वर्ष 2001 में उन्हें साउथ अफ्रीका, विदेश प्रशिक्षण के लिए जाने का मौका मिल चुका है।
ज्ञात हो कि प्राचार्या राय ने दो विषयों में एमए की है। उन्होंने अंग्रेजी विषय में एमए करने के बाद दर्शन शास्त्र में भी एमफिल कर बीएड की डिग्री हासिल की है।शिक्षा प्रेमी प्राचार्या राय ने एक्सएलआरआई जमशेदपुर से मैनेजमेंट में डिग्री हासिल की है। वर्ष 2017 से वे निरंतर बोकारो जिला के हद में तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन के डीएवी ललपनिया मे छह वर्षों से बतौर प्राचार्या सेवा दे चुकी है। प्रारम्भ में पूर्व डीएवी बिष्टुपुर में भी बेहतर शिक्षक के तौर पर वे अध्यापन कर चुकी है।
अनुभवी एवं योजनाबद्ध तरीके से बच्चों को अच्छा शिक्षण देने वाली तथा डीएवी गुवा के बच्चों की चिन्ता को लेकर प्राचार्या राय ने बताया कि बच्चों का सर्वांगीण विकास ही उनके शिक्षा का मुल उद्देश्य है। कहा कि खेल कूद, योग और सीसीए डीएवी संस्था के पाठ्यक्रम के आवश्यक अंग हैं। उनका यह प्रयास रहेगा कि बच्चों में जीवन के उत्थान की मूल्य आधारित शिक्षा,अनिवार्य रूप से पढ़ाकर दी जाय, जिससे बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि डीएवी संस्था का मूल उद्देश्य समाज के सिद्धांतों पर चलना और सही मायने में आर्य भारत बनाना है। डीएवी गुवा के उत्तरोत्तर विकास एवं विद्यालय के बढ़ते चरण पर जानकारी देते हुए प्राचार्या उषा राय ने बताया कि वर्ष 1992 में स्थापना के बाद से उक्त विधालय निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। न्यूनतम बच्चों से स्थापित विद्यालय बेहतर शिक्षण के कारण निरंतर अभिभावकों के बीच अपनी पहचान छोड़ता जा रहा है।
प्राचार्या ने बताया कि सेल गुआ प्रबंधन के सहयोग से विद्यालय दिन दूनी – रात चौगुनी आगे बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में डीएवी गुवा से ज्ञान प्राप्त कर चुके पूर्व के बच्चों ने विद्यालय की कीर्ति देश – विदेश में बनाई है। यहां के छात्र यहां से कक्षा दशम उतीर्ण करने के बाद आगे की पढ़ाई कर सिंगापुर, मलेशिया, दिल्ली, कोलकाता, नई दिल्ली के उत्कृष्ट संस्थानों में अपनी सेवा दे रहे हैं। कहा कि विद्यालय का सबसे बड़ा गौरव इस क्षेत्र के आदिवासी बच्चे हैं।
जिनका सर्वांगीण विकास इस विद्यालय के माध्यम से हो रहा है ।विद्यालय निरंतर बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हुए राष्ट्र को समर्पित कर रहा है। विद्वान शिक्षकों एवं सेल प्रबंधन के सहयोग से गुआ जैसे छोटे जगह में संचालित विद्यालय किसी बड़ी शहर के विद्यालय से कम नहीं है। विद्यालय के बीज को महर्षि नारायण दास ग्रोवर गुवा में आकर 1992 में लगाई गई थी। जो वर्तमान में एक वटवृक्ष का रूप लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाता जा रहा है।
कहा कि वर्तमान में एलकेजी से कक्षा 12वीं विज्ञान संकाय तक संचालित यह विद्यालय हर दृष्टिकोण से बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रही है। बच्चों के सर्वांगीण विकास करते हुए विद्यालय हर दृष्टिकोण से बच्चों के लिए उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान के रूप में परिवर्तित करने के लिए डीएवी संस्था एवं सेल प्रबंधन संयुक्त रुप अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि डीएवी झारखंड ए जोन जमशेदपुर के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी ओ पी मिश्रा एवं सेल गुवा मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर के मार्गदर्शन में नया आयाम मिला है।
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