बहुमुखी प्रतिभा के धनी डीएवी प्राचार्य डॉ मनोज कुमार

झारखंड के पूर्व गवर्नर सह देश के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से सम्मान प्राप्त

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा (DAV Public School Gua) के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार सुपुत्र स्वर्गीय हरिद्वार पांडेय का जन्म स्थान बिहार राज्य के वैशाली व् मुजफ्फरपुर जिला के सीमांकन पर स्थित रोहना गांव मे 15 जुलाई 1963 को हुआ था।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी शिक्षाविद प्राचार्य डॉ मनोज ने अपने शिक्षा के संदर्भ में 28 नवंबर को एक साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने बिहार राज्य के चर्चित गया केंद्रीय विद्यालय से नंबर वन से दशम 1979 की परीक्षा एवं द्वादश की परीक्षा 1981 में उत्तीर्ण करने के उपरांत ज्योलोजी (ऑनर्स) गया कॉलेज गया से की।

उन्होंने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत पोस्ट ग्रेजुएट एमएसी, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ जूलॉजी विभाग से मगध विश्वविद्यालय से 1983- 1985 में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण किया। 1984 में जंतु विज्ञान में प्रतिष्ठा गया कॉलेज गया से की। पीएचडी की उपाधि एसआरएफ सीनियर रिसर्च फेलो (स्कॉलर) डीएसटी मे 1992 किया। बायोलॉजी डायनेमिक ऑफ प्रोटीन कंटेंट एवं कॅलोरिफिक

वैल्यू एंड इट्स कैलोरिफिक वैल्यू ऑन थिलापिया मोसैम्बिका पीर्ट्स 1991 में लिखी थेसिस (शोध कार्य)
पर मिली। वर्ष 1988 -1996 तक बतौर वख्याता अंगीभूत महाविद्यालय में सेवारत रहे।

दक्षिण अफ्रीकन मछली टिलापिया के वायो केमिकल कम्पोसिएशन पर डॉ मनोज का शोध पत्र प्रकाशित हुआ। इनके शोध का विषय डायनेमिक्स ऑफ़ प्रोटीन कॉन्टेंट एंड ईटस कैलोरिफिक वैल्यू इन तिलोपा मोसैम्बिका (पेटर्स) जिसके अंतर्गत इस मछली के अन्दर पाए जाने वाले फैट कार्बोहाइड्रेट्स वाटर की जानकारी मछली के लिंग एवं वजन के अनुसार खोजा गया एवं यह पाया गया कि छोटे मछलियों मे बडी मछलियों की तुलना में फैट प्रोटीन ज्यादा होती है।

इस शोध के विभिन्न पत्र जर्मनी, फिनलैंड, इंग्लैंड एवं अन्य देशों में प्रकाशित हुए। भारत के विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में उक्त लेख प्रकाशित हुई है। हिमालयन जर्नल हरिद्वार, मेण्डल जर्नल हज़ारीबाग व अन्य में प्राचार्य द्वारा किए गए नए खोज व शोध चर्चे में रहा।

डॉ प्रोफसर बीएम पांडेय डिपार्टमेंट हेड सह प्रोफेसर वाइस चाँसलर जंतु विज्ञान विभाग मगध विश्वविद्यालय बोध गया की देख रेख में उनकी पेपर संपन्न हुई। इनके पेपर का प्रोजेक्शन प्रेजेंटेशन इंडियन साइंस जंतु विज्ञान शाखा केरल यूनिवर्सिटी, मदुरै यूनिवर्सिटी पटियाला यूनिवर्सिटी (पंजाब) व अन्य स्थानों में बतौर व्याख्याता जंतु विज्ञान तदर्थ व्याख्याता (जंतु विज्ञान) अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज गया में अक्टूबर 1988 से जून 1995 तक पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा देने में लगाई।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ मनोज कुमार ने 1997 में बतौर पीजीटी, डीएवी संस्था के अनपरा (उप्र) में संत स्व नारायण दास ग्रोवर से प्रेरित होकर योगदान दिया। अगस्त 2000 में डीएवी झुमरी तिलैया (कोडरमा) में बतौर सुपरवाइजरी हेड प्रतिनियुक्त किए गए।

सुपरवाइजरी हेड सह प्राचार्य डॉ मनोज की देखरेख में डीएवी झुमरी तिलैया के बच्चो ने पढ़ाई के साथ साथ खेल कूद में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। डीएवी संस्था ने डॉ मनोज कुमार के अच्छे क़ाबलियत एवं संस्था का सच्चा सिपाही व शिक्षाविद मानते हुए उनके द्वारा दिए गए साक्षात्कार के बेहतर प्रदर्शन पर प्राचार्य पद से शुशोभित किया।

एक जनवरी 2006 को डॉ मनोज बोकारो जिला के हद में डीएवी कथारा के नए प्राचार्य बने।इनके सफल संचालन एवं उत्कृष्ट प्रबंधन क्षमता से डीएवी कथारा ने कई उपलब्धि हासिल की। खेल के साथ पढ़ाई में यहां के बच्चों ने राज्य स्तर पर पहचान बनाई।

सीबीएसई परीक्षा में यहां के दो बच्चो ने कक्षा दसम बोर्ड में देश में दूसरा एवं तीसरा स्थान हासिल कर गणतंत्र दिवस पर देश के प्रधानमंत्री से सम्मानित किए गए। प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के क़ाबलियत एवं दूरदर्शी सोंच के कारण सीबीएसई कलस्टर लेबल पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिसा, झारखंड एवं आसाम में डीएवी कथारा के वॉलीबाल में विजेता एवं उपविजेता का डंका बोकारो जिले में बजाते रहे।

परिणाम स्वरुप डीएवी कथारा झारखंड में एकलौता ऐसा विद्यालय रहा जिसने आउटस्टैंडिंग केटेगरी प्राप्त कर झारखंड ही नहीं पूरे में डीएवी कथारा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी।

प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के कड़ी मेहनत के कारण लोगो एवं बच्चो के लिए डीएवी कथारा जिले का सबसे बेहतर शिक्षण संस्थान के रूप जाना पहचाना जाने लगा। यहां के मेधावी बच्चो ने एकादश विज्ञान संकाय में नामांकन के लिए विद्यालय में होड़ मचा दी।

देश के राष्ट्रपति सह झारखंड के पूर्व गवर्नर द्रोपदी मुर्मू ने 2007-2008 में चित्रांकन प्रतियोगिता में प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के सफल सचांलन में चल रहे विद्यालय के बच्चो को प्रथम श्रेणी से सम्मानित कर बेबी गरिमा का पुरुस्कार दिया। पुनः 2019 में प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के सफल संचालन में डीएवी नेशनल स्पोर्ट्स में गर्ल्स एवं बॉयज ने बैडमिंटन एवं कराटे में रनर-अप रहा।

विभिन्न प्रकार की समस्याओ के निराकरण एवं पश्चिम सिंहभूम जिले के महारत्न कंपनी सेल सम्बद्ध संचालित डीएवी गुवा में इनका स्थानांतरण किया गया। प्राचार्य डॉ मनोज के पदभार ग्रहण करते ही विद्यालय चहुंमुखी विकास का रूप लेता जा रहा है।

डीएवी संस्था के रीजनल ऑफ़िसर जमशेदपुर ओ पी मिश्रा एवं सेल गुवा मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरी ने प्राचार्य की भूरी – भूरी प्रसंशा की है।

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