बाल विवाह पर कार्रवाई, रास्ते से बैरंग लौटी बारात
रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को लेकर सक्रिय सामाजिक संस्था सहयोगिनी के शिकायत पर चंदनकियारी थाना क्षेत्र के बरमसिया ओपी से एक नाबालिग को बाल विवाह होने से बचाया गया।
जानकारी के अनुसार सहयोगिनी संस्था ने बाल कल्याण समिति बोकारो को लिखित सूचना दिया कि चास के झालबरदा बस्ती के एक नाबालिग बच्ची का बाल विवाह एक मई को होने वाला है।
आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए बाल कल्याण समिति की न्यायिक बेंच ने बाल विवाह निषेध पदाधिकारी सह बीडीओ चंदनकियारी को पत्र लिखकर अविलंब बाल विवाह रोकने को कहा। जिसकी प्रति उपायुक्त बोकारो, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी को दिया गया।
बताया जाता है कि मामले में सज्ञान लेते हुए बीडीओ की टीम, पुलिस एवं चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम द्वारा उक्त शादी पर रोक लगाया गया। इस दौरान शादी की सभी तैयारी पूरी कर ली गई थी तथा घर में मेहमानों की भीड़ लगी थी।
बाल विवाह रोकने के लिए पहुंची टीम को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। बालिका को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत भी किया गया, जिसके बाद बालिका की माता ने सीडब्ल्यूसी के नाम लिखित पत्र देकर कहा की जब तक बालिका की उम्र 18 वर्ष पूरी नहीं हो जाती है, तब तक अपनी पुत्री का विवाह नहीं करूंगी।
सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष शंकर रवानी, सदस्य प्रीति प्रसाद, रेणु रंजन, प्रगति शंकर, मो. रजी अहमद ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए बाल विवाह को रोक लगाने में अहम भूमिका निभाई।
इस संबंध में सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने 2 मई को बताया कि बोकारो जिले में बाल विवाह के खिलाफ 150 गांव में 251000 रहिवासियों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ ग्रहण करवाया गया है। साथ हीं बाल विवाह रोकने के लिए कार्यकर्ता गांव-गांव पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों, स्टेक होल्डर के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं।
79 total views, 1 views today