एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में बेरमो प्रखंड के जारंगडीह स्थित दुर्गा मंडप प्रांगण में बीते 12 मार्च से 20 मार्च तक आयोजित नवान्ह परायण यज्ञ में लगातार भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। हजारों श्रीराम भक्त प्रतिदिन यज्ञ स्थल की परिक्रमा कर श्रद्धापूर्वक पूजा पाठ करते देखे जा रहे हैं।
श्रीराम चरित मानस महा यज्ञ में अयोध्या से पधारे मधुरेश जी महाराज अपने सहयोगी हनुमान दास, प्रेम शंकर, जय जी के साथ रामचरित मानस का नवान्ह परायण पाठ भक्ति भाव से कर भक्तजनों को श्रीराम के चरित्र की व्याख्या कर रहे हैं।
यज्ञ के सातवें दिन 18 मार्च को उन्होंने रामचरित मानस धर्म ग्रंथ के अरण्यकांड का पाठ किया। जिसमें उन्होंने सीता हरण की प्रस्तुति की। इस अवसर पर यहां उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर होकर पूजन किया। यज्ञ स्थल की परिक्रमा की तथा जय श्रीराम के नारे लगाए।
श्रीराम चरित मानस नवान्ह परायण महायज्ञ के सातवें दिन दुर्गा मंडप प्रांगण में प्रवचन के क्रम में अयोध्या से पधारे पुरेंद्र जी महाराज ने अपने कथा वाचन में कहा कि प्रेम के भूखे हैं श्री राम और प्रेम से बंधे हैं राम भक्त हनुमान।
उन्होंने कहा कि जिस परमात्मा को बड़े-बड़े अमलात्मा, महात्मा समस्त सुख का परित्याग कर जंगल में जाकर तप करते हैं। इसके बाद भी भगवान उन्हें प्राप्त होते हैं या नहीं यह साफ नहीं है। लेकिन सच्चे मन, भाव से जो भगवान का स्मरण करते हैं। उनसे प्रेम करते हैं। परमात्मा सहज में ही उन्हें प्राप्त हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि निषाद राज केवट, मां शबरी आदि अनेक भक्त सच्चे प्रेम से परमात्मा को प्राप्त किया है। इसलिए हर मनुष्य को चाहिए कि वह भगवान से सच्चे मन से प्रेम करे। मौके पर यज्ञ समिति के अमरनाथ साहा आदि श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
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