एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। परिवार की मंगल कामना के लिए बोकारो जिला के हद में फुसरो तथा करगली में 27 जून को माँ विपदतारिणी की पूजा-अर्चना की गयी।
जानकारी के अनुसार फुसरो के बैंक मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां विपदतारिणी की पूजा-अर्चना की। महिलाएं सुबह से ही मंदिर में कतारबद्ध होकर पूजा-अर्चना कर अपने परिवार की सुख, शांति व सुरक्षा की कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां विपदतारिणी के जयकारे भी लगाए।
जय मां विपदतारिणी के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। पूजा के बाद मंदिर में सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर मां का आशीर्वाद लिया। पूजा में बंगाली समाज के रहिवासियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। मंदिर में पूजा करने के लिए फुसरो, करगली, ढोरी खास, शारदा कॉलोनी, गोरांग कॉलोनी, सेंट्रल कॉलोनी, मकोली, तुरियो आदि जगहों के श्रद्धालु शामिल हुए।
बताया जाता है कि मां विपदतारिणी की पूजा रथ यात्रा के बाद शनिवार व मंगलवार को होती है। पुजारी हराधन पंडित ने बताया कि इस पूजा में ऐसी मान्यता है कि परिवार में आने वाले हर को मां विपदतारिणी टाल देती हैं। मां हर विपत्ति से रक्षा करती है।
इसलिए मां विपदतारिणी को संतुष्ट करने के लिए महिलाएं उपवास रखकर 13 तरह के फल, फूल, मिष्ठान आदि का चढ़ावा चढ़ाकर पूजा-अर्चना करती हैं। वहीं, रक्षा सूत्र के रुप में लाल रंग के धागे को मंदिर में पूजा कराने के परिवार के सभी सदस्य को बांह में बांधा जाता है।
पूजा के सफल आयोजन में सुवर्ण वणिक समाज के निताय दत्ता, माणिक दत्ता, संतोष दत्ता, रामेश्वर चंद्र, गणेश दत्ता, सुबोध दत्ता, विजय डे, विद्या सागर दत्ता, राजेश दत्ता, गोपी डे, अमित अड्डी, राजेश अड्डी, टिंकू अड्डी, दिनेश दत्ता, बादल दत्ता, सूरज डे, गणेश चंद्र, दिनेश चंद्र, सनातन डे, दीजन डे आदि का अहम योगदान रहा।
करगली बाजार स्थित एलेवन स्टार क्लब में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने 27 जून को मां विपदतारिणी की पूजा-अर्चना की। महिलाएं सुबह से ही मंदिर में कतारबद्ध होकर पूजा-अर्चना कर अपने परिवार की सुख, शांति व सुरक्षा की कामना की।
पूजा के बाद मंदिर में सुहागिन महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर मां का आशीर्वाद लिया। पूजा में बंगाली समाज के अनूप मित्रा, उज्जवल मुखर्जी, असीम चटर्जी, गोपी दा, कलोल राय, कान्तु स्वपन, शांति दा, गोनी घोष, बपन मित्रा,औरचुट दत्ता, श्यामलाल राय, संजय कुमार, अमित बॉस आदि का अहम योगदान रहा।
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