गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। किसान अपनी कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है। उस फसल के साथ उसका खून पसीना और भावनाएं जुड़ा रहता है, लेकिन अनावृष्टि और अतिवृष्टि उसके सपनो को, उसके भावनाओं को मटियामेट कर देता है। तब उस किसान पर क्या गुजरती होगी यह आम सोंच से परे है।
कुछ यही हाल बीते 18 मार्च की संध्या देखा गया, जब उत्तर बिहार के वैशाली से नेपाल से सटे शिवहर और सीतामढ़ी तक देखने को मिला। यहां जोरदार आंधी और बेवजह औलावृष्टि ने किसानों के मंसूबो को मटियामेट कर दिया। तेज आंधी से खड़ी फसल खेतो में पट गया। ओलावृष्टि से चारो ओर सफेद की चादर बिछ गयी। मानो यह बिहार नहीं बल्कि कश्मीर हो।
जानकारी के अनुसार बीते 18 मार्च की देर रात आई तेज आँधी और वर्षा की वजह से वैशाली जिले में रवी की खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। जिले के भगवानपुर अंचल के गांवों में तेज आंधी और वर्षा के साथ ओलावृष्टि ने तो किसानों की खेत मे खड़ी गेहू एवं मक्का की फसल को एकदम से बर्बाद कर दिया।
पिछात गेंहू की खड़ी फसल तेज हवा और वर्षा से जमीन में पट गई, जिससे गेहूं के दाने का दूध सुख जाएगा। खेत में जो तैयार गेहूं था उसे काटने में किसान को अब कामगार नही मिलेगा। तेज वर्षा और आंधी की वजह से आम में लगे मंजर को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
उत्तर बिहार के कुछ जिले यथा शिवहर, मोतिहारी में इतनी अधिक ओलावृष्टि हुई कि खेत मे ओला की एक मोटी चादर बिछ गई। किसानों की फसल खेत मे रह गई और बिहार के रहिवासियों को कश्मीर का नजारा देखने को मिला। प्रकृति के इस प्रकोप ने किसानों के सपनो पर बज्रपात से कर दिया।किसान सहायता के लिये अब सरकार का मुंह देख रहे हैं।
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