एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड क्षेत्र के सरसौना चौर स्थित डियूरा टेक सीमेंट फैक्ट्री से निकले प्रदूषण का आलम है कि कोई बिना नाक-मूंह बांधे न वहां से गुजर सकता है और न ही आसानी से कुछ दिखाई देता है। फैक्ट्री से निकला भयंकर धूल-कण फसलों को ढ़क कर उसका विकास रोक रहा है।
स्थानीय किसानों के बुलावे पर अखिल भारतीय किसान महासभा के ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, भाकपा माले के सुरेंद्र प्रसाद सिंह, खेग्रामस के प्रभात रंजन गुप्ता, इनौस के आसिफ होदा एवं शंकर महतो की 5 सदस्यीय टीम फैक्ट्री से निकल रहा प्रदूषण, किसानों के फसलों आदि का निरिक्षण किया। टीम ने पीड़ित किसानों से मिलकर बातचीत भी की।
स्थानीय रहिवासियों से बातचीत का हवाला देते हुए टीम लीडर सह भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि एक जून को लगभग 3.30 बजे के आसपास फैक्ट्री के चिमनी से भयंकर धूल-कण निकलते देखा गया। कहा कि ऐसा रोज़ होता है। धूल-कण का प्रवाह इतना तेज रहता है कि आसपास कुछ भी स्पष्ट दिखाई नहीं देता है।
यही धूल-कण किसानों के फसलों को बर्बाद कर रहा है। विकास अवरूद्ध हो जाता है। दूसरी ओर फसल कई बीमारियों का शिकार भी हो जा रहा है। खुद फैक्ट्री के अंदर एवं बाहर लगे पेड़-पौधे पर भी धूल का परत स्पष्ट दिखाई पड़ता है। इस प्रदूषण के असर से आसपास के रहिवासी डरे-सहमे रहते हैं।
जानकारों ने बताया कि प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से फैक्ट्री के कई किलोमीटर के क्षेत्र में वृक्षारोपण करना था, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन ने एक भी पेड़-पौधे नहीं लगाया। प्रदूषण रोकने का अन्य उपाय भी उचित रूप से पूरा नहीं किया गया है। नाम नहीं छापने के शर्त पर फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि फैक्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी अधूरा है।
जमीन कच्चा है। यहां अन्य समस्याएं हैं, लेकिन जल्दबाजी में फैक्ट्री चालू कर दिया गया। फैक्ट्री के पास का एक पूर्व दुकानदार ने बताया कि दुकान खोले थे, चल भी रहा था लेकिन फैक्ट्री के प्रदूषण से बीमार हो गये। फलत: दुकान बंद कर घर लौट गये। फैक्ट्री के पास दो बीघा ज़मीन के मालिक ने बताया कि फैक्ट्री से पहले बेटी की शादी में 10 लाख रूपये कट्ठा जमीन बेचे थे, अब 5 लाख रुपए कट्ठा मांग रहा है।
माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने समस्तीपुर के जिलाधिकारी, पर्यावरण एवं प्रदूषण अधिकारी, श्रम अधीक्षक, पर्यावरणविद एवं कार्यकर्ता, पत्रकार आदि से आगामी 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर फैक्ट्री का दौरा कर प्रदूषण एक्ट, श्रम एक्ट, फैक्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की जांच कर प्रदूषण की रोकथाम करने का उपाय, फैक्ट्री के दो-तीन किलोमीटर के आसपास सघन वृक्षारोपण करने, किसानों के बर्बाद फसलों का मुआवजा देने, नियमित पानी छिड़काव करने, फैक्ट्री में जा रहे 11 हजार वोल्ट के नंगे तार को बदलकर कवर्ड वायर लगाने, सड़क मरम्मत करने आदि की मांग की है।
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