अशोक सिंह/बगोदर (गिरिडीह)। केन्द्रीय ट्रेड यूनियनो के औधोगिक हड़ताल एवं किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर ग्रामीण भारत बंद के समर्थन में 16 फरवरी को गिरिडीह जिला के हद में बगोदर में भाकपा माले और सम्बद्ध जनसंगठनों की ओर से जुलूस मार्च निकाला गया।
जानकारी के अनुसार उक्त जुलूस मार्च सरिया रोड स्थित किसान भवन से शुरू होकर समूचे बगोदर बाजार तक गया। मार्च पुरानी जीटी रोड चौराहे पर आकर सभा मे तब्दील हो गया।
जुलूस में शामिल बंद समर्थक मजदूर विरोधी चारो लेबर कोड को रद्द करों, किसानों के सभी फ़सलों पर एमएसपी की गारंटी कानून बनाओ, अजय टेनी मिश्रा का जमानत रद्द करो, ग्रामीण कामगारों का प्रतिमाह ₹26000/= न्यूनतम वेतन की गारंटी करों, कामगारों के उनके अधिकारों की गारंटी करों, रेल, सेल, कोल समेत सभी सरकारी संस्थानों का निजीकरण करना बंद करो, मनरेगा मजदूरों का न्यूनतम मजदूरी ₹200 से बढ़ाकर ₹600 की गारंटी करो आदि नारे लगा रहे थे।
इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य परमेश्वर महतो ने कहा कि केन्द्र की मोदी-भाजपा सरकार के मजदूर- किसान विरोधी एवं दमनकारी नीतियों के कारण पुरा देश तबाह हो रहा है। कहा कि सड़क पर स्कूल के देशव्यापी चर्चित आंदोलन के अगुवा, खेत मजदूर सभा के राज्य अध्यक्ष व दलितों-कमजोरों के युवा नेता व बिहार में अगिआंव विस से माले विधायक मनोज मंजिल सहित 23 माले नेताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
आम ग्रामीण मजदूरों एवं कामगारों को न्यूनतम मजदूरी नही मिल रही है। उनके हक में बने श्रम कानूनों को खत्म कर चार कोड में बदलाव कर दिया गया है, ताकि आमजन अपने हक- अधिकार के लिए आवाज नही उठा सके। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट परस्त नीति के तहत सरकारी संस्थानों को ओने-पौने दाम में बेचा जा रहा है।
एमएसपी की गारंटी कानुन एवं ऋण माफी को लेकर देश के कई राज्यों के हज़ारों-हज़ार किसान आन्दोलन को मजबूर हैं। किसानों की मांगो पर उचित पहल करने के बजाय मोदी-भाजपा की सरकार अत्यंत बर्बर व घोर दमनात्मक एवं रौंगटे खड़ा कर देने वाली कार्रवाई कर रही है।
माले नेता ने कहा कि देश के अन्नदाताओ पर जिस प्रकार सरकार जुल्म कर रही हैं, वह ब्रिटिश जमाने में भी नही हुआ होगा। किसानों पर खतरनाक व केमिकल युक्त आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, जिससे सैकड़ो किसान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बहुतों के आँख की रोशनी खत्म हो गया है। देश में युद्ध की स्थिति बन गई है। देश के मजदूर-किसान विद्रोह की दिशा में आगे बढ़ रहे है।
सरकार आपातकाल से भी भयानक स्थिति पैदा करने पर तुली हुई है। कहा कि इस परिस्थिति से निबटने के लिए किसान-मजदूर की एकजुटता समय की मांग है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार देश को गुलाम बनाना चाहती है, इसलिए 2024 के आम चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेकना ही अंतिम विकल्प होगा।
मौके पर माले प्रखंड सचिव पवन महतो, बगोदर के उप प्रमुख हरेंद्र कुमार सिंह, पूर्व प्रमुख मुस्ताक अंसारी, पूर्व जिप सदस्य गजेंद्र महतो, पूर्व जिला परिषद सदस्य पूनम महतो व सरिता महतो, इनौस राज्य अध्यक्ष संदीप जयसवाल, मुखिया सरिता साव, संतोष कुमार रजक, पुरन कुमार महतो, नारायण महतो, भोला महतो, सत्येंद्र यादव, पुरन चंद महतो, मुखिया सविता देवी, पंस प्रियंका कुमारी, राजेन्द्र महतो, आदि।
लालमणि सिंह, किशुन महतो, खूबलाल महतो, कमलदेव सिंह, मनोहर माली, संतोष सिंह, भुनेश्वर महतो, कुमोद यादव, मोबिन अंसारी, रामचंद्र पासवान,भोला स्वर्णकार, रामदेव महतो, मुखिया प्रदीप महतो, नीलकंठ महतो, रमेश मेहता, बिहारीलाल मेहता, रामेश्वर यादव समेत सैकड़ों बंद समर्थक उपस्थित थे।
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