गरीबों को घोषित 2 लाख सहायता राशि देने में आय प्रमाण पत्र का झमेला बेमानी-बंदना
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बिहार के 95 लाख अति निर्धन परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि अविलंब देने, भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल जमीन एवं पक्का मकान देने, बेघरों को पक्का मकान देने, प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने, 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने, ताजपुर में प्रतिदिन 24 घंटे बिजली की व्यवस्था करने समेत अन्य समस्याओं को लेकर भाकपा-माले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने 22 अगस्त को जुलूस निकाला।
जुलूस समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड क्षेत्र के अस्पताल चौक से निकलकर बाजार क्षेत्र का भ्रमण करते हुए अंचल सह प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मौके पर एक सभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता भाकपा-माले प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने की। सभा को भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह, किसान महासभा समस्तीपुर जिला सचिव ललन कुमार, खेग्रामस जिला सचिव जीबछ पासवान, जिलाध्यक्ष उपेन्द्र राय, इनौस जिलाध्यक्ष आसिफ होदा, आदि।
ताजपुर प्रखंड उपाध्यक्ष मो. एजाज, खेग्रामस प्रखंड अध्यक्ष प्रभात रंजन गुप्ता, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, संजीव राय, मो. कयूम, मुकेश कुमार गुप्ता, रॉकी खान, मो. सदीक, राजदेव प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, रतन सिंह, मोतीलाल सिंह समेत अन्य दर्जनों कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने कहा कि गरीबों को सरकार द्वारा पूर्व में घोषित 2 लाख रुपये सहायता राशि देने में आय प्रमाण पत्र का झमेला पुरी तरह बेमानी लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों को आय प्रमाण पत्र मामले में उलझाकर सहायता देने से पल्ला झाड़ना चाह रही है।
जिला स्थाई समिति सदस्य ललन कुमार ने कहा कि गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की दिशा में सरकार के प्रयास नाकाफी हैं। सरकार ने आय प्रमाण-पत्र का झमेला बना रखा है। कहा कि प्रखंड प्रशासन द्वारा 72 हजार रूपये से कम का आय प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है।
इसका मतलब है कि जरूरतमंदों को सही अर्थों में इस योजना का लाभ नहीं देने की योजना है। खेग्रामस जिला सचिव जीबछ पासवान ने कहा कि प्रखंड में मनरेगा योजनाओं में बड़े पैमाने पर लूट-खसोट जारी है। प्रखंड क्षेत्र में चल रहे किसी भी एक योजना को बतौर उदाहरण सामूहिक रूप से जांच कराई जाए। मनरेगा में की जा रही हेराफेरी व भ्रष्टाचार सामने आ जाएगी।
इस अवसर पर 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में अंचलाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर स्मार-पत्र में वर्णित मांगों पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए आय प्रमाण-पत्र, वासभूमि एवं पक्का मकान से संबंधित 6 सौ से अधिक फार्म जमा किया।
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