केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ लिया गया संघर्ष का संकल्प
ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। भाकपा माले की ओर से एक मई को बोकारो जिला के हद में पपरवाटांड़ स्थित पार्टी कार्यालय के समक्ष मई दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिकागो के शहीद मजदूरों को याद करते हुए मौजूदा केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद वेदी पर माल्यार्पण कर की गई। बाद में शहीदों के सम्मान में नारेबाजी करते हुए मई दिवस जिंदाबाद, शहीद मजदूरों को लाल सलाम, मजदूर विरोधी मोदी सरकार मुर्दाबाद, मजदूरों के रोजगार और अधिकार के लिए संघर्ष तेज करो आदि नारों के साथ मई दिवस संकल्प मार्च भी निकाला गया।
अंतर्राष्ट्रीय मई दिवस के मौके पर भाकपा माले नेता सह अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि मजदूर वर्ग को एक सदी से भी पूर्व हासिल अधिकारों को केन्द्र की मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है। देश में मजदूर विरोधी लेबर कोड लाए गए हैं। मनरेगा योजनाओं की राशि अपेक्षित नहीं है।
मजदूरों की मजदूरी नहीं बढ़ रही है। यह योजना रोजगार के बजाय लूट में तब्दील हो गई है। उन्होंने कोलियरी क्षेत्र के गरीबों के लिए अलग से रोजगार गारंटी की योजना बनाकर लागू करने की मांग की। साथ ही, उपस्थित कॉमरेड साथियों से गांव-गांव में मेहनतकशों का संगठन मज़बूत कर जनविरोधी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम को माले नेता राजेश सिन्हा तथा शंकर पांडेय ने भी संबोधित करते हुए जहां मजदूर वर्ग के समक्ष उपस्थित मौजूदा चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वहीं संगठन मजबूत कर संघर्ष तेज करने की भी जरूरत बताई।
माले के मई दिवस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पप्पू खान, प्रीति भास्कर, फोदार सिंह, शंभू ठाकुर, मनोज कुमार यादव, राजेंद्र मंडल, रामलाल मुर्मू, रामलाल मंडल, निशांत भास्कर, लालजीत दास, पंकज वर्मा, बुधन हांसदा, राजकिशोर चौधरी, शिवनंदन यादव, संजय चौधरी, कन्हैया सिंह, प्रधान टुडू, रफीक अंसारी, खीरू दास, अजय कुमार यादव, रंजीत यादव, कुलदेव मंडल, मो. इफ्तेखार अंसारी, आदि।
मो. इकराम अंसारी, मो. नौशाद आलम, मो. नासिर शेख, अनिल यादव, राजकुमार यादव, राहुल यादव, मो. असगर अली, मो. सरफराज अंसारी, संतोष राय, रुस्तम अंसारी, राजू पुजहर, कटिलाल सोरेन, पोरान सोरेन, लीलावती देवी, बड़की देवी, अनिता देवी, लिलमुनी देवी, बुंदिया देवी, चांदमुनि देवी, जयंती देवी, अंजली देवी, संझली देवी, मंझली देवी सहित अन्य मौजूद थे।
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