विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। गोमियां प्रखंड (Gomian block) के हद में भाकपा माले ने साड़म स्थित पार्टी कार्यालय में धरती आबा बिरसा मुंडा का शहादत दिवस मनाया।
जानकारी के अनुसार भाकपा माले गोमियां प्रखंड कमेटी ने 9 जून को पार्टी कार्यालय में भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर पुष्प अर्पित करते हुए मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर माले महिला नेत्री शोभा देवी ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजी सरकार, साहूकार एवं जमीदारों से उलगुलान किया था। अंग्रेज, साहूकार एवं जमींदार आदिवासियों को जल जंगल जमीन से बेदखल करना चाहते थे। उनके खिलाफ संघर्ष करते हुए भगवान बिरसा ने अपना शहादत दिया, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
माले गोमियां प्रखंड सचिव सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि वे बिरसा मुंडा का शहादत दिवस को बलिदान दिवस के रूप में मना रहे हैं। यादव ने कहा कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को रांची जिला के उलिहातू गांव में हुआ था। बिरसा मुंडा आदिवासियों के हक के लिए संघर्ष कर अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था। अंग्रेज सरकार ने इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1882 को लागू कर आदिवासियों को जंगल के अधिकार से वंचित कर दिया था, जिस कारण जंगल से सटे इलाकों में अंग्रेजो का कब्जा होता जा रहा था। बिरसा मुंडा ने इसी कानून के खिलाफ आंदोलन तेज कर अबुआ दिशुम, अबुआ राज यानी हमारा देश, हमारा राज का नारा दिया था। इससे अंग्रेजी सरकार की जड़े उखड़ने लगी। जब अंग्रेज सरकार ने 3 फरवरी 1900 को उन्हें गिरफ्तार कर यातनाएं दी तो आखिरकार 9 जून 1900 को वे वीरगति प्राप्त हो गए। आज उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलकर पूंजीवादी सरकार के खिलाफ उलगुलान करने की जरूरत है। मौके पर उमेश राम, अब्दुल सत्तार, मोहन प्रसाद ठाकुर आदि मौजूद थे।
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