पुरा लातेहार जिला अकाल की चपेट में-अयुब खान
एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। माकपा के वरिष्ठ नेता अयुब खान ने लातेहार जिला के हद में कामता गांव में प्रचंड गर्मी में झूलसते धान फसल खेती का मुआयना किया। उन्होंने मुआयना करने के बाद कहा कि पुरा लातेहार जिला अकाल की चपेट में है।
माकपा नेता खान ने कहा कि प्रयाप्त वर्षा नहीं होने के कारण 90 प्रतिशत धान की रोपनी खेतों में किसानों ने नहीं कर पाया। उनके धान के बिचढ़े बर्बाद हो गया। कहा कि इसके बाद भी 10 प्रतिशत धान की रोपनी किसी तरह किसानों ने पटवन कर की। इधर वर्षा नहीं होने के कारण खेतों में दरारें आ गई है। झूलसती गर्मी के कारण धान की फ़सल पीला होकर सुख गई हैं।
खान ने कहा कि इस बार एक मुट्ठी भी धान किसानों को मयस्सर नहीं होगा। कहा कि इस मौसम में खेतों को अभी हरा दिखना चाहिए था, उन खेतों में सूखे के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। खेतों में हरियाली के नाम पर झुलसे घांस के अलावा कुछ भी नहीं है। किसानों की चिंता होने लगी है कि इस वर्ष अपनी और अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगें।
उन्होंने बताया कि किसानों ने घर में रखे धान को भी खेत में डाल दिया। कर्ज उधार कर जोत कोड़ की रोपनी कराई। धान फसल नहीं होने से किसान बदहाली के कगार पर पहुंच गये है। किसानों की नींद उड़ गई है। किसान काफी परेशान हाल में हैं।
खान ने कहा कि लगातार सुखा पड़ने के कारण किसान पहले से ही काफी परेशान हैं। इस बार की अकाल ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है, क्योंकि इस बार हालात और भी खराब है। कुएं और तालाब सूखे पड़े हैं। किसान लक्षमन मुंडा ने कहा कि इसबार किसी तरह पटवन कर धान की बीड़ा किया था।
वर्षा के अभाव में बीड़ा मरते देख उसे अपनी बैल से चरा दिया। उसने बताया कि इस बार काम करने के लिए उसे बाहर जाना होगा। परिवार का पेट भरने के लिए उसके पास और कोई उपाय नहीं है। किसान पचु गंझु ने कहा कि प्रत्येक वर्ष दो तीन एकड़ में धान खेत में धान की रोपाई करते थे, लेकिन वर्षा नहीं होने के कारण धान की रोपाई नहीं कर पाए।
धान फसल होने से किसी तरह घर का आजिविका चलाते थे, लेकिन इस बार एक मुट्ठी भी धान की फसल नहीं होने के कारण किसानों के समक्ष भुखमरी की स्थिति हो गई है। माकपा नेता खान ने लातेहार जिले को आकाल क्षेत्र घोषित कर किसानों को मदद पहुंचाने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने, जन वितरण प्रणाली एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन सिस्टम को मजबूत करने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किया है।
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