प्रतिबंधित रिवाल्वर रखने के आरोपी को न्यायालय द्वारा सात साल की सजा

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट स्थित व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी की अदालत ने अवैध हथियार रखने के आरोप में मनसा मांझी और लालधन मांझी को दोष सिद्ध पाने के बाद सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।

मालूम हो कि वाद के सूचक तत्कालीन पेटरवार थाना प्रभारी पंकज कुमार ने बयान दर्ज कराया था कि 28/11/2016 को अपर पुलिस अधीक्षक अभियान बोकारो संजय कुमार के नेतृत्व में माओवादी के विरुद्ध विशेष अभियान टीम का गठन किया गया था।

अभियान के क्रम में चरगी के समीप पहुंचा तो देखा कि दो व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में तेजी से जा रहे हैं। उन्हें आवाज देकर रुकने को कहा तो वे दौड़कर भागने लगे। संदेह होने पर अपने सशस्त्र बल की मदद से पीछा कर दोनों आरोपियों को पकड़ा गया। पूछने पर अपना नाम मनसा मांझी और लालधन मांझी बताया जो महुआटांड़ थाना क्षेत्र के पुटकाडीह रहिवासी बताया।

थाना प्रभारी द्वारा कहा गया कि पूछने पर आरोपियों द्वारा बताया गया कि सोहराय के दिन दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के लेबर को लेवी के लिए चिट्ठी दिए थे। परन्तु ठिकेदार लेवी का रकम देने के लिए कोई पहल नही किया, तब गोलीबारी के उद्देश्य से वे यहां आए थे। तलाशी के क्रम में मनसा मांझी के कमर में खोसा हुआ एक प्रतिबंधित रिवाल्वर बरामद किया गया, जिसमे दो चक्र जिन्दा गोली पाया गया। कागजात मांगने पर आरोपी द्वारा कागजात नहीं प्रस्तुत किया गया। साथ ही दूसरे लालधन मांझी की तलाशी लेने पर दाहिना कंधा में टंगा झोला से भी गोली बरामद किया गया।

आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरण होकर जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी के न्यायालय में आया। न्यायालय में उपलब्ध गवाह एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद न्यायालय ने मनसा मांझी और लालधन मांझी को दोष सिद्ध पाने के बाद सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू ने बहस किया। न्यायालय द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद अभियुक्तों को उपकारा तेनुघाट भेज दिया गया है।

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