एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 6 दिसंबर को झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य सरकार के सभी मंत्रीगणों को अपने-अपने विभागीय कार्यों के सम्पादन हेतु महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परामर्श दिया गया। कहा गया कि सभी मंत्रीगण सरकार के इस कार्यकाल में वर्णित तथ्यों का विशेष ध्यान रखेंगे।
बैठक में कहा गया कि मंत्रिपरिषद् में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग/विधि विभाग/कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें ताकि, ससमय मंत्रिपरिषद् की बैठक में प्रस्ताव आ सके। कहा गया कि सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जा कर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकात कर फीडबैक लें। विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें।
कहा गया कि वैसी योजनाएँ जो बहुत दिनों से लम्बित हैं, उसके लम्बित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें। कई योजनाएँ ऐसी हैं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है। उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें। कहा गया कि राज्य में मंत्रियों के विभाग के योजना से अगर कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें।
वैसे विभाग जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएँ हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें। बैठक में कहा गया कि सभी मंत्रीगण समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस प्रतिनिधियों को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।
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