थाईलैंड के धर्मगुरु ने कराई विधिवत रूप से गणेश आरती
मुश्ताक खान/मुंबई। कुर्ला पूर्व के अमरदीप मित्र मंडल द्वारा थाईलैंड के तर्ज पर भगवान गणेश की मूर्ति और झांकी बनाई गई है। इसे देखने के लिए थाईलैंड से 71 गणेश भक्त का काफिला मुंबई के कुर्ला पहुंचा है। इस काफिले में थाईलैंड के मूल निवासियों में उनके धर्म गुरु भी हैं, अमरदीप मित्र मंडल द्वारा आयोजित गणेशोत्सव में गणपति बप्पा का दर्शन करने के बाद थाईलैंड के धर्मगुरु मास्टर बेस्ट आजोर्न तिण्णोकोरन ने विधिवत रूप से गणेश आरती कराई।
इस आरती में थाईलैंड के 71 थाईलैंडी गणेश भक्तों के आलावा मंडल के सदस्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। इस कड़ी में चौंकाने वाली बात यह है कि थाईलैंड (Thailand) के धर्मगुरु ने भारतीय धर्मगुरुओं (पंडितों) की तरह बे- झिझक आरती में सभी श्लोकों का उच्चारण किया, जिससे आरती में मौजूद गणेश भक्तों के साथ -साथ सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
गौरतलब है कि गणेशोत्सव के पावन अवसर पर कुर्ला पूर्व में थाईलैंड के तर्ज पर स्थापित गणाध्यक्ष का दर्शन करने के लिए 71 थाईलैंडी भक्तों का काफिला भारत के मुंबई में आया है। इस काफिले में उनके धर्मगुरु का। बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी महानगर मुंबई के कुर्ला पूर्व में गणपति बप्पा की अनोखी प्रतिमा स्थापित की गई है।
थाईलैंड के तर्ज पर बानी गणाध्यक्ष की प्रतिमा करीब 10 फीट ऊंची और लगभग 250 किलोग्राम से अधिक भारी है। इस प्रतिमा को विशेष मूर्तिकारों ने बनाया है। थाईलैंड के धर्म गुरु मास्टर बेस्ट आजोर्न तिण्णोकोरन भगवान गणेश के भक्त हैं। उन्होंने थाईलैंड के तर्ज पर बनी गणाध्यक्ष की प्रतिमा का दर्शन करने के लिए अपने साथ अन्य गणेश भक्तों को भी साथ लाये हैं। बता दें कि उनकी भाषा भारत से बिलकुल जुड़ा है।
बताया जाता है कि कुर्ला पूर्व का अमरदीप मित्र मंडल द्वारा 53वां सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जा रहा है। इस मंडल द्वारा हर वर्ष नई झांकी पर आधारित पंडाल को सजाया जाता है। इस मंडल में हर धर्म के लोगों का समावेश है। इस वर्ष थाईलैंड की कलाकृतियों के अनुरूप आराध्य भालचंद्र की प्रतिमा बनाई गई है।
इस कड़ी में एक और भी दिलचप्स बात यह है कि अमरदीप मित्र मंडल के पंडाल में एक तरफ गणेशोत्सव तो दूसरी तरफ ईद मिलाद -उन -नबी का भव्य आयोजन किया जा रहा है। चूंकि ये दोनों महापर्व लगभग एक साथ ही आते हैं। अमरदीप मित्र मंडल के संस्थापक अध्यक्ष भास्कर म्हात्रे हैं। वहीं मंडल में दो उपाध्यक्ष विजय अंभोरे, अंबादास कवडे हैं।
सचिव घनश्याम कवडे, रमेश जयसवाल, जगदीश जयसवाल, आत्माराम चौधरी, कादिर रामपुर (डैन्नी भाई), विठ्ठल लासुर्वे, चंद्रकांत मोरे, कृष्णा कोडिलकर और एकनाथ कोखाले हैं। इन नामों के साथ इस बार एक और भी नाम जुड़ गया है। थाईलैंड की थीम पर काम करने वाले दिल्ली निवासी विक्रम सिंह का बड़ा योगदान है।
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