एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक संतोष नायक ने 21 जून को बोकारो जिला के हद में बेरमो प्रखंड के कई पंचायतो में बैठक की। बैठक में संयोजक ने रहिवासियों से बेरमो को जिला बनाने को लेकर जारी आंदोलन में समर्थन मांगा।
जानकारी के अनुसार बेरमो प्रखंड के जारंगडीह उत्तरी पंचायत, जारंगडीह दक्षिणी पंचायत तथा बोडिया उत्तरी पंचायत मे 21 जून को बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक संतोष कुमार नायक के नेतृत्व में बैठक किया गया।
बैठक में जारंगडीह उत्तरी पंचायत की मुखिया फिरोज खातून, दक्षिणी पंचायत की मुखिया सुमंती देवी, बोडिया उत्तरी पंचायत के मुखिया कामेश्वर महतो सहित उक्त पंचायतो के पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य व् प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस अवसर पर संयोजक संतोष नायक ने कहा कि तीन साल से लगातार यह आंदोलन चल रहा है।
बेरमो अनुमंडल को जिला बनाने में बीते तीन साल से अभी तक पूरे अनुमंडल की आम अवाम के संज्ञान में यह बात बैठ चुका है। इसलिए इस आंदोलन को अब नयी दिशा देने का समय आ गया है। उन्होंने बताया कि पहले चरण का कार्यक्रम हमारा अनुमंडल मुख्यालय में पिछले वर्ष 26 से 31 जुलाई तक पदयात्रा कर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा गया था।
दूसरे चरण में अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में लगातार दो महीना तक चले धरना कार्यक्रम था। नायक ने बताया कि समिति के अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा, सचीव वकील प्रसाद महतो द्वारा निर्णय लिया गया कि बड़ी आंदोलन के रूप में हम दूसरे चरण में धरना दिए। अनिश्चित कालीन 6 दिसंबर से 29 फरवरी तक वे 86 दिन धरने पर बैठे।
उन्होंने कहा कि हमें आश्वासन दिया गया था कि लोकसभा चुनाव में लागू आचार संहिता के चलते मुख्य मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि चुनाव बाद इसे संज्ञान में लेंगे, लेकिन अभी तक किसी तरह की इस पर पहल नहीं हुई।
इसलिए समिति निर्णय लिया है कि 11 जून से 31 जूलाई तक 51 दिन में 51 वर्ष के अनुसार पूरे बेरमो अनुमंडल में प्रत्येक पंचायत में जन जागरण अभियान कर 31 जुलाई को एक बड़ी ताकत अनुमंडल मुख्यालय में आगामी 1 अगस्त को महा जुटान के रूप मे और 1 अगस्त को ही हड़ताल होगा।
उस दिन संपूर्ण बेरमो बंद रखेंगे और सरकार को चुनौती देंगे। नायक ने कहा कि इस बार आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। बैठक में मुख्य रूप से संतोष कुमार नायक, मुखिया फिरोज खातून, सुमंती देवी, पूर्व मुखिया इम्तियाज अंसारी, गौतम राम, रूबी देवी, सुनीता देवी, राजकुमारी देवी आदि महिला-पुरुष उपस्थित थे।
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