पदयात्रा में आमजन द्वारा सुझाए गये मुद्दे पर संघर्ष करेगी माले-धीरेंद्र झा
एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बीते 16 अक्टूबर को मधुबनी जिला के हद में बेनीपट्टी से चलकर दरंभगा एवं समस्तीपुर के विभिन्न प्रखंडों का भ्रमण करते हुए भाकपा माले मिथिलांचल का बदलो बिहार न्याय पदयात्रा संपन्न हो गया।
पदयात्रा कम्युनिस्ट नेता दिवंगत कॉमरेड रामदेव वर्मा के जन्म एवं कर्मस्थली समस्तीपुर जिला के हद में विभूतिपुर प्रखंड के पतैलिया पहुंचकर बीते 23 अक्टूबर की रात्री 225 किलोमीटर की ऐतिहासिक दूरी तय कर कॉ वर्मा की प्रतिमा पर हज़ारों कॉमरेड साथियों ने माल्यार्पण कर उनके क्रांतिकारी परम्परा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। मौके पर रात्री में किसान संवाद का आयोजन किया गया।
अध्यक्षता कॉ वर्मा की पत्नी सह माले केंद्रीय कमिटी सदस्य मंजू प्रकाश ने किया। जबकि, संचालन किसान महासभा के जिला सचिव ललन कुमार एवं माले विभूतिपुर प्रखंड सचिव अजय कुमार ने किया। इस अवसर पर माले राज्य कमिटी सदस्य शनिचरी देवी, नेयाज अहमद, बंदना सिंह, अभिषेक कुमार, बैधनाथ यादव आदि मंचासीन रहे। धन्यवाद ज्ञापन माले जिला सचिव उमेश कुमार ने किया।
बतौर मुख्य वक्ता संवाद को संबोधित करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ धीरेंद्र झा ने कहा कि 27 अक्टूबर को पटना के मिलर हाई स्कूल में भाकपा-माले के न्याय सम्मेलन को बड़ी भागीदारी से सफल बनाने को लेकर 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक मिथिलांचल के मधुबनी, दरंभगा एवं समस्तीपुर जिले के विभिन्न प्रखंडों का भ्रमण किया गया।
उन्होंने बड़ी भागीदारी से पटना न्याय सम्मेलन को सफल बनाने की अपील उपस्थित कॉमरेड साथियों से करते हुए कहा कि न्याय के साथ विकास का नारा देकर नीतीश सरकार सत्ता में आई थी। सरकार का सर्वे ने इस वादा का पोल खोलकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में 34 प्रतिशत ऐसे परिवार हैं, जिनकी आमदनी मासिक 6 हजार से कम है।
वहीं 10 हजार से कम आमदनी वाले परिवारों की संख्या 63 प्रतिशत है। सवाल उठता है कि विकास की जो भी राशि आ रही थी, उसका क्या हुआ? वह कहां चला गया? सुशासन के नाम पर अंचल, प्रखंड, थाना में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। गरीबों को न्याय व् उन्हें उनका हक चाहिए। बिहार के दलित- गरीबों को जगाने के लिए यह न्याय यात्रा निकाला गया है। बिहार को न्यायपूर्ण बिहार बनाने का संकल्प हमें लेना है। बिहार को बदलें बग़ैर न्यायपूर्ण बिहार नहीं बनेगा।
उन्होंने कहा कि संपूर्ण भारत में सबसे महंगी बिजली बिहार की है। अन्य राज्यों की भांति बिहार में 2 सौ यूनिट बिजली फ्री मिलना चाहिए। सरकार का अडानी-अंबानी से नापाक रिश्ता है और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। यह गरीबों के घर को अंधेरा करने की साज़िश है। प्रतिदिन स्मार्ट मीटर के कारनामो की खबर आ रही है। राज्य की जनता स्मार्ट मीटर के खिलाफ है। स्मार्ट मीटर को तोड़ा-फोड़ा-उखाड़ कर फेंका जा रहा है। भाकपा माले स्मार्ट मीटर के खिलाफ लड़ाई में जनता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी। भाकपा माले स्मार्ट मीटर को बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने दलित- गरीबों को जमीन-आवास मिलने, सभी जमीनी कागजात उपलब्ध कराये जाने तक जमीन सर्वे कार्य पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सर्वे को लेकर जनता में आपाधापी का माहौल है। कागजात निकालने में जबरदस्त भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही हैं। संवाद सभा को दर्जनों राज्य एवं मधुबनी, दरंभगा एवं समस्तीपुर जिला कमिटी के सदस्यों ने संबोधित किया।
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