सीसीएल के निदेशक ने ढोरी क्षेत्र के कोलियरियों का किया दौरा
एन.के.सिंह/ सीसीएल के निदेशक तकनीकी (प्रोजेक्ट एंड प्लैनिंग) भोला सिंह ने 25 सितंबर को बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में सीसीएल (CCL) ढोरी प्रक्षेत्र की कई परियोजनाओं का निरीक्षण कर कोयला उत्पादन की गति में तेजी लाने पर जोर दिया।
उन्होंने एएडीओसीएम अमलो व एसडीओसीएम कल्याणी परियोजना के निरीक्षण के क्रम अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया कि मजदूरों को प्रोत्साहित कर ज्यादा से ज्यादा कोयला उत्पादन कराएं। उन्होंने ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक एमके अग्रवाल से कोयला उत्पादन व संप्रेषण की स्थिति के बारे जनकारी लिया। कहा कि पूरे देश में कोयला आपूर्ति कोल इंडिया करती है।
उसकी इकाई होने के नाते सीसीएल की जवाबदेही बढ़ जाती है। स्थानीय प्रबंधन डिपार्टमेंटल व आउटसोर्सिंग कंपनी के स्तर से सारी बधाओं को दूर कर कोयला उत्पादन की गति बढ़ाएं। साथ ही मजदूरों की सुरक्षा के प्रति विशेष ध्यान दिया जाए।
डीटी ने कहा कि कोरोना के कारण कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है। कोविड का प्रभाव कम होने के बाद सीएसआर के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के कार्य तेज कराए जाएंगे। साथ ही ग्रामीणों का विश्वास जीतकर कोलियरियों के विस्तार का काम कराएंगे।
डीआर एंड आरडी परियोजना सहित बंद पड़ी एवं अंगवाली औऱ पिछरी कोलियरी को चालू करने के दिशा में पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोयला निकासी के लिए जमीन का क्लियरेंस होना जरूरी है। फिलहाल कारो परियोजना जमीन की समस्या से जूझ रही है।
कारो औऱ पुरनाटांड बस्ती का शिफ्टिग होते ही कारो सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र की सबसे बड़ी परियोजना बन जाएगी। जबकि अमलो परियोजना में भी जमीन की समस्या बरकरार है, जिसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों ने कोयला निकासी के लिए अपनी जमीन देकर कोल इंडिया को महारत्न कंपनी की उपाधि दिलाई है।
इसलिए विस्थापितों को वाजिब अधिकार से वंचित नही किया जाएगा। सभी विस्थापितों को जमीन के अनुरूप मुआवजा व नियोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
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