खाता न बही, साहेब जो कहे वही सही
एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। सीसीएल (CCL) में वही होता है, जो अधिकारी की मर्जी होती है। यह कोई जुमला नहीं, बल्कि हकीकत है। इसके सैकड़ो उदाहरण पुरे सीसीएल में देखा जा सकता है।
जानकारी के अनुसार सीसीएल का एक महाप्रबंधक अधिकारी आवास खाली रहने के बावजूद प्रतिदिन कंपनी प्रदत्त वाहन का धड़ल्ले से दुरूपयोग कर 60 से 70 किलोमीटर आवाजाही कर रहे हैं। जिसके बदले कंपनी द्वारा उक्त वाहन खर्च 12 रूपये प्रति किलोमीटर भुगतान करना पड़ रहा है। यह वाहन के लॉग बुक से छेड़छाड़ स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार माइंस रेसक्यू स्टेशन रामगढ़ के महाप्रबंधक बीबीपी सिंह द्वारा कंपनी प्रदत्त (हायर व्हेहिकल) वाहन मारुती सुजुकी स्विफ्ट डिजायर क्रमांक JH01BW/1567 से प्रतिदिन रांची से रामगढ़ एमआरएस तथा रामगढ़ से रांची आवाजाही करते देखे जा रहे हैं।
यह कंपनी नियमों के विपरीत प्रतीत होता है। बताया जाता है कि उक्त वाहन का पंजीयन जनवरी 2016 की है। जबकि इस वाहन को अब भी सीसीएल मुख्यालय रांची द्वारा हायर किया गया है।
इस संबंध में सीसीएल मुख्यालय रांची के महाप्रबंधक डॉ ए के सिंह (General manager Dr AK Singh) ने कहा कि उन्हें इस विषय के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं है। महाप्रबंधक प्रशासन यु पी नारायण ने पूछे जाने पर संबंधित महाप्रबंधक से इस विषय पर बात करने की सलाह दी। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि खाता न बही साहेब जो कहे वही सही।
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