समिति का अनिश्चितकालीन चक्का जाम आंदोलन स्थगित

कोयला डिस्पैच बाधित, सामान्य दिनों की तरह हुआ कोयला का उत्पादन

एन.के.सिंह/फुसरो (बोकारो)। विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले विस्थापितों ने 14 फरवरी को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विस्थापितों के नियोजन, मुआवजा व पुनर्वास की मांग को लेकर बेरमो कोयलांचल स्थित सीसीएल के तीनों एरिया ढोरी, आदि।

बीएंडके व कथारा में अनिश्चितकालीन का चक्का जाम आंदोलन को शुरू करते हुए कोयला डिस्पैच को ठप करा दिया। देर शाम प्रशासन और प्रबंधन की अपील पर चक्का जाम आंदोलन 21 फरवरी तक स्थगित कर दी गई।

इसे लेकर सीसीएल मुख्यालय रांची में 21 फरवरी को विस्थापितों के साथ वार्ता होगी। मौके पर उपस्थित बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा कि अब हक पाने को उलगुलान करने का वक्त आ गया है।

उन्होंने कहा कि जबतक सीसीएल प्रबंधन विस्थापितों की मांगों पर सहमति नहीं जताएगा, तबतक चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा। समिति के अध्यक्ष लखन लाल महतो ने कहा कि बेरमो कोयलांचल में विस्थापितों की समस्या सबसे बड़ी है। सीसीएल प्रबंधन ने यहां के विस्थापितों को कोई सुविधा प्रदान नहीं की है।

महतो ने कहा कि प्रबंधन के खिलाफ सीसीएल के ढोरी, बीएंडके व कथारा तीनों एरिया का चक्काजाम किया गया है। कहा कि एक वर्ष पूर्व जो मांग पत्र दिया गया था, उस पर आज तक अमल नहीं किया गया है। जल, जंगल व जमीन विस्थापितों की है, परंतु उसका मालिक कोई और बन बैठा है।

यहां विस्थापित नेता विनोद महतो, काशीनाथ केवट, सूरज महतो, पंचानन मंडल और नरेश महतो ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन से विस्थापितों की लड़ाई हर स्तर पर लड़ी जाएगी। वक्ताओं ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन सुरक्षा नियमों को ताख पर रखकर खदानों को संचालित करा रही है। प्रबंधन ने वन विभाग से एनओसी लिए बिना ही कोयला खनन कराने के लिए कई पेड़ व पहाड़ को कटवा दिया।

इसके खिलाफ स्थानीय विस्थापित अब डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं। प्रबंधन की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। वक्ताओं ने कहा कि सबसे पहले प्रबंधन यहां के विस्थापितों को वाजिब सुविधा व मुआवजा दे। उसके बाद खदान का विस्तार करे।

इसके विपरीत, खदान को विस्तार करने के लिए स्थानीय रैयतों को हटाने का प्रपंच प्रबंधन कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खदानों के विस्तारीकरण को लेकर प्रबंधन गंभीर है, लेकिन खदान के लिए जमीन देने वाले विस्थापितों के दर्द का अहसास नहीं है। इसलिए अब विस्थापित चुप नहीं बैठेंगे। प्रबंधन से आरपार की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे।

चक्का जाम आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन, सीआईएसएफ, सीसीएल सुरक्षा प्रहरी और होमगार्ड जगह जगह पर तैनात थे। मौके पर महेंद्र चौधरी, वीरू गिरी, चंदन राम, पुनेश्वर महतो, प्रदीप महतो, लालमोहन यादव, राजेश गुप्ता, लालमोहन महतो, धनेश्वर महतो, कमलेश महतो, वीरेंद्र करमाली, रामचंद्र यादव आदि मुख्य रूप से शामिल थे।

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