एक साथ पांच डंपर मिलने से परियोजना को होगा लाभ-महाप्रबंधक
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के गोविंदपुर फेज दो परियोजना कर्मशाला (वर्कशॉप) में 17 दिसंबर को बीईएमएल का एक साथ पांच डंपर की कमिश्निंग की गयी। जिसे मुख्यालय रांची के महाप्रबंधक उत्खनन सुबोध कुमार, क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार, परियोजना पदाधिकारी एके तिवारी, प्रभारी विभागाध्यक्ष सह परियोजना अभियंता उत्खनन अभिजीत दत्ता आदि ने विधिवत पूजा कर व् हरी डंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर सीसीएल मुख्यालय रांची से महाप्रबंधक उत्खनन सुबोध कुमार ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि 60 टन भार क्षमता का बीईएमएल द्वारा एकसाथ पांच डंपर उपलब्ध कराया जाना है। उन्होंने कहा कि यह डंपर दूसरी कंपनी के डंपर के मुकाबले बेहतर कार्य करता है। इसमें एकबार में 53 से 54 टन कोयला उठाव किया जाता है। यह डंपिंग के समय हीं लोडिंग को रीड करता है। खास यह कि अगले एक साल के साथ अगले चार साल तक बीईएमएल कंपनी द्वारा इसके खराब होने अथवा पार्ट्स की मरम्मति तथा बदलने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि इसकी फर्स्ट फेज में ही बीईएमएल कंपनी द्वारा पांच डंफर उपलब्ध कराया गया, जिसे कथारा क्षेत्र के गोविंदपुर फेज दो परियोजना में दिया गया।
उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि सीएमडी द्वारा मुझे कथारा क्षेत्र का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सीएमडी का विशेष नजर कथारा क्षेत्र पर है। उन्हें विश्वास है कि कथारा क्षेत्र अपना पुराने रौनक पुनः पा लेगा। कथारा क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार ने कहा कि क्षेत्र का भविष्य स्वर्णिम इतिहास लिखने के मार्ग पर चल निकला है। उन्होंने कहा कि गोविंदपुर फेस दो को एक साथ पांच डंपर मिलना सौभाग्य की बात है।
कहा कि इससे पूर्व बीते वर्ष यह परियोजना 80 से 90 प्रतिशत अचीवमेंट देता था, वह अब शत् प्रतिशत देगा। उन्होंने बताया कि अधिभार निस्तारण में यह परियोजना अब तक लक्ष्य से काफी आगे है, जबकि कोयला उत्पादन में चार प्रतिशत की कमी है। मुझे विश्वास है कि जल्द ही इस कमी को भी पार कर परियोजना लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन कर क्षेत्र को प्राप्त लक्ष्य पूर्ति में काफी सहायक होगा।
सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य लखनलाल महतो ने कहा कि जिस प्रकार लाइट व्हीकल में सेफ्टी बेल्ट लगाना अनिवार्य होता है, यदि ऐसी व्यवस्था बीईएमएल के डंपर में है तो इसे लगाने से सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहतर होगा। यदि नहीं लगाया गया है तो इसे लगाने की पहल की जानी चाहिए।
साथ ही कहा कि हमारे देश में राइट हैंड ड्राइविंग पद्धति प्रचलित है, जबकि एचईएमएम किसी भी वाहनों में वेस्टर्न मॉडल का लेफ्ट हैंड पद्धति ड्राइविंग के कारण अक्सर दुर्घटना दाएं ओर संभावित रहता है। उनका संबंधित कंपनी से आग्रह है कि राइट हैंड पद्धति ड्राइविंग की व्यवस्था करने का प्रयास किया जाए।
बीईएमएल के रीजनल मैनेजर ने जानकारी देते हुए कहा कि 60 टन भार क्षमता के इस डंपर की कीमत ढाई करोड़ है। उन्होंने कहा कि पहली बार डंपर में 360 डिग्री मूवेवल कैमरा लगाया गया है, जिससे इसमें सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता होगा। इसके अलावा इसमें ऑटोमेटिक अग्निशमन यंत्र लगाया गया है, जो आगलगी की स्थिति में स्वत: ही निपटेगा। यहां क्षेत्रीय सलाहकार समिति सदस्य बालेश्वर गोप, परियोजना सलाहकार समिति सदस्य धर्मेंद्र ने भी सुरक्षा संबंधी उपायों पर प्रकाश डाला।
मौके पर महाप्रबंधक संजय कुमार, विजिलेंस अधिकारी गणेश गौरव, सेल्स ऑफिसर विजय वर्मा के अलावे पीओ एके तिवारी, जीएम ऑपरेशन सीबी तिवारी, महाप्रबंधक विद्युत एवं यांत्रिक विपिन कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन जयंत कुमार, एसओ एमएम जी नाथ, एसोओसी संजय सिंह, एसओ एलएंडआर अर्जुन कुमार प्रसाद, एसओ सेफ्टी राजकुमार वर्णवाल, कोलियरी मैनेजर मनोज कुमार, प्रोजेक्ट इंजीनियर एक्शभेशन अभिजीत दत्ता, प्रोजेक्ट इंजीनियर विद्युत निखिल कुमार, वर्कशॉप इंचार्ज प्रीत रंजन, फौरमेन मिथिलेश कुमार, सीनियर ओभरमैन आरपी मंडल, बीईएमएल के रीजनल मैनेजर वी. वालाचंदर, रीजनल सर्विस इंजीनियर अभिनव कुमार सिंह, क्षेत्रीय मैनेजर प्रेम दिवाकर, सर्विस इंजीनियर मनोज विश्वकर्मा, एसीसी सदस्य मथुरा सिंह यादव, विजय कुमार सिंह, बालेश्वर गोप, शमशुल हक, कामोद प्रसाद, सचिन कुमार, पीसीसी सदस्य देवाशीष रजवार, सुनील कुमार, पणन महतो, धर्मेंद्र कुमार, गणपत, गौतम, पीडी वर्मन सहित गोविंदपुर परियोजना के तमाम कर्मी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन परियोजना के कार्मिक प्रबंधक ने किया।
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