सारण प्रमंडल के नीलाम पत्र पदाधिकारियों के साथ आयुक्त ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

नीलाम पत्र वादों के निष्पादन में तेजी लायें नीलाम पत्र पदाधिकारी-आयुक्त

प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण प्रमण्डल के हद में सारण (छपरा), सिवान और गोपालगंज जिलों में संचालित नीलाम पत्र वादों (सर्टिफिकेट केस) की प्रमंडलीय आयुक्त गोपाल मीणा ने 24 अक्टूबर को समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि तथा सभी तीन जिलों के नीलाम पत्र पदाधिकारी जुड़े थे।

सारण प्रमंडल के हद में उपरोक्त तीनों जिलों को मिलाकर 77778 नीलाम पत्र वाद संचालित हैं। इन वादों में लगभग 1042.5 करोड़ रुपये की राशि सन्निहित है। इनमें 50 लाख रुपये से अधिक सन्निहित राशि के 48 तथा 10 लाख रुपये से अधिक सन्निहित राशि के 506 मामले शामिल हैं।
आयुक्त मीणा के निर्देशानुसार प्रमण्डल के तीनों जिलों में संचालित नीलाम पत्र के मामलों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुये एक विशेष फॉरमेट तैयार किया गया है।

तीनों जिला में सरकारी विभागों से संबंधित 11190 मामलों में लगभग 155.6 करोड़ रुपये, विभिन्न बैंकों से संबंधित 60989 मामलों में लगभग 849 करोड़ रुपये, विभिन्न सहकारी बैंकों से संबंधित 5539 मामलों में लगभग 17 करोड़ रुपये एवं विभिन्न सरकारी लोक उपक्रमों से संबंधित 60 मामलों में लगभग 20.86 करोड़ रुपये सन्निहित हैं।
आयुक्त ने विभिन्न नीलाम पत्र पदाधिकारियों के दर्ज मामलों की संख्या को युक्तिसंगत बनाने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि आवश्यक हो तो अतिरिक्त पदाधिकारियों को नीलाम पत्र पदाधिकारी की शक्ति प्रत्यायोजित करें। किसी भी नीलाम पत्र पदाधिकारी के यहां औसतन 500 से अधिक मामले नहीं हों, इसे सुनिश्चित करने को कहा गया। उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी सन्निहित राशि वाले मामलों की सुनवाई जिलाधिकारी स्वयं भी करें। अन्य वरीय अधिकारी बड़ी सन्निहित राशि वाले मामलों की सुनवाई करें। सबसे पुराने दर्ज मामलों एवं अधिक सन्निहित राशि के मामलों के निष्पादन को प्राथमिकता दें।

उन्होंने सभी बैंकों के पदाधिकारियों को भी नीलाम पत्र से संबंधित मामलों की सुनवाई में नियमित रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुये इसके निष्पादन के लिए प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने का स्पष्ट निर्देश दिया। कहा कि नीलाम पत्र वादों की सुनवाई में निर्धारित तिथियों को लगातार अपना पक्ष नहीं रखने पर एक पक्षीय कार्रवाई करते हुये मामलों को निष्पादित किया जायेगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी अधियाची बैंक की होगी।

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