कोयला तस्करो द्वारा महिला व् पुरुषो से मंगाई जा रही है कोयले की खेप
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र इन दिनों संगठित कोयला तस्करों का चारागाह बन गया है। प्रशासनिक शिथिलता तथा सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही का आलम यह है कि यहां से प्रतिदिन कम से कम 10 ट्रक कोयले की चोरी कर अवैध धंधेबाज उक्त कोयले को ट्रकों के माध्यम से बाहर की मंडियों में भेज कर मालामाल हो रहे हैं। इसमें कथित कुछ सुरक्षा कर्मियों तथा स्थानीय पुलिस की भी मिली भगत की बात कही जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कथारा क्षेत्र के जारंगडीह, स्वांग, गोविंदपुर, कथारा वाशरी तथा कथारा कोलियरी से प्रतिदिन 10 ट्रक कोयला अवैध रूप से चोरी कर तस्करों द्वारा एकत्रित की जाती है, जिसे बाहर की मंडियों में रात के अंधेरों में भेज दी जाती है। इस कार्य में खदान क्षेत्र के आसपास के महिला-पुरुष रहिवासियो को तस्कर ढाल बनाकर अपना उल्लू सीधा कर रहें हैं।
सूत्र बताते हैं कि जारंगडीह से चोरी का कोयला खेतको मार्ग तथा बांधघूटू के जंगल में एकत्रित किया जाता है, जबकि कथारा कोलियरी तथा कथारा वाशरी से चोरी का कोयला को झिरकी व सरहचिया के जंगल यथा दामोदर नदी तट ईट भट्ठा के समीप के अलावा नैनाटांड- तेनुघाट मार्ग पर मस्जिद के पीछे जंगल में कोयला तस्करों द्वारा छिपा कर रखा जाता है।
बताया जाता है कि इस धंधे में कुछ सफेदपोश के अलावा स्थानीय पुलिस प्रशासन तथा सीसीएल कथारा क्षेत्र के क्षेत्रीय सहित परियोजनाओं के सुरक्षा कर्मियों की सहमति एवं हिस्सेदारी रहती है। ऐसे में यहां पुलिस की छवि तो धूमिल हो ही रही है, साथ में कई अन्य भी इस लपेटे में है। ऐसा जान पड़ता है मानो कथारा क्षेत्र में अवैध कोयले की मंडिया खुल गई है और धंधेबाजों की चांदी कट रही है। इस स्थिति में कोयला कंपनी के अलावा राज्य सरकार को प्रतिमाह करोड़ों रुपए का राजस्व की हानि होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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