एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अविलंब जेएसएससी-सीजीएल के आनदोलनरत परीक्षार्थियों को बुला कर वार्ता करे। साथ हीं जिन छात्रो पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है उसे निरस्त करे। सरकार जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा को अविलम्ब रद्द करे।
उपरोक्त बाते एक अक्टूबर को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने जेएसएससी कार्यालय घेराव करने वाले छात्रो पर सरकार द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने पर अपनी प्रतिक्रिया में कही।
नायक ने कहा कि 16 नामजद छात्रो एवं एक हजार अज्ञात छात्रो पर मामला दर्ज करना राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है, जो माफी योग्य नही है। कहा कि सरकार को तुरंत इन छात्रो पर किये गये प्राथमिकी को निरस्त किया जाना चाहिए और अविलंब छात्रो से वार्ता कर जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा को रद्द करने की दिशा में सकरात्मक पहल किया जाना चाहिए, ताकि छात्रो का भविष्य बर्बाद ना हो सके।
नायक ने कहा कि जेएसएससी कार्यालय घेराव करने पर पुलिस द्वारा पत्थरबाजी का आरोप लगाकर 16 छात्रो पर नामजद व् एक हजार अज्ञात छात्रो पर मामला दर्ज किया गया जो राज्य के छात्रो के लिए एवं सरकार के लिए शुभ संकेत नही है। कहा कि मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रुचि लेकर मामले में संज्ञान लेना चाहिए और जेएसएससी-सीजीएल प्रकरण का पटाक्षेप करनी चाहिए, ताकि छात्रो को न्याय मिल सके और उनके भावनाओं को सम्मान मिल सके।
42 total views, 3 views today